आशा वर्कर यूनियन के साथ कई संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर दिया ज्ञापन

बरेली। बरेली में आज आशा वर्कर्स ने इकट्ठा होकर जिलाधिकारी महोदय को एक ज्ञापन दिया आशा वर्करो ने ज्ञापन के माध्यम से बताया हम लोग निरंतर कम वेतन के चलते अपनी सेवाओं को मरीजो को दे रहे हैं और लगातार समुचित वेतन पर अपने कार्यों को अंजाम दे रहे हैं आशा वर्करो का कहना है उनके वेतन में वृद्धि की जाए और केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से मिलने वाली सभी सुविधाएं उनको मुहैया कराई जाए ताकि भविष्य में उन्हें किसी भी समस्याओं का सामना ना करने पड़े सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओ का फायदा ना मिलने के चलते काम करने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और उसके बावजूद लगातार अपने निरंतर कार्यों के बाद भी हम किसी भी सुविधाओं का फायदा नही ले पा रहे है।
ज्ञापन के माध्यम से आशा कार्यक्रताओ ने बताया सभी सुविधाओं को मुहैया कराया जाए। साथ में कई संगठनों ने केन्द्र सरकार द्वारा श्रम कानूनों में किये गये संशोधन, राष्ट्रीय सम्पदा के निजीकरण व गलत आर्थिक नीतियों के विरोध में केन्द्रीय श्रम महासंघों, केन्द्र व राज्य सरकार कर्मचारियों, स्वतंत्र फेडरेशनों, खेत मजदूर यूनियनों, किसान संगठनों के संयुक्त आव्हान पर केन्द्र सरकार की मजदूर किसान व आमजन विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रस्तावित 9 जुलाई को आहूत हड़ताल में शामिल हुए। श्रमिक संगठन ने अपना विरोध प्रकट करते हुए श्रमिकों से सम्बन्धित निम्नलिखित प्रमुख मांगे रखी चारों श्रम कानूनों को रद्द कर सभी 44 श्रम कानूनों का पालन सुनिश्चित किया जाये, उप्र में न्यूनतम वेतन समिति का गठन किया जाये व न्यूनतम वेतन 26000/-50 मासिक किया जाये। सभी को स्थायी रोजगार मिले, संविदा नीति बंद हो।पुरानी पेंशन बहाल की जाये। ईपीएस 95 पेंशन भोगी श्रमिकों को न्यूनतम 1000/रुपए के स्थान पर 7500/रुपए प्रतिमाह पेंशन दी जाये तथा उसे मंहगाई भत्ते से जोड़ा जाये। साथ ही इन पेंशन धारकों व उनके परिजनों को आयुष्मान स्वास्थ्य योजना का लाभ भी प्रदान किया जाये।मनरेगा के बजट को बढ़ाकर 2 लाख करोड़ किया जाये, वर्ष में 200 दिन काम व 600/रुपए मजदूरी दी जाये एवं शहरी क्षेत्रों के लिए भी रोजगार गारण्टी योजना शुरू की जाये। स्कीम वर्कर आशा, आंगनवाणी, मिड-डे मील, रोजगार सेवक, ग्रामीण चौकीदार व रसोईया आदि को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाये तथा उन्हें 26000/- रूपये मासिक वेतन व 10000/रुपए मासिक पेंशन दी जाये।
घरेलू कामगारों, होम वेस्ट वर्कर्स को मजदूर का दर्जा दिया जाये तथा इनके लिए बोर्ड का गठन किया जाये। खेत मजदूरों, ग्रामीण मजदूरों का मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य व बिजली की व्यवस्था की जाये। एमएसपी को कानूनी दर्जा दिया जाये, फसल की लागत का ढाई गुना मूल्य दिया जाये तथा किसानों को सिंचाई के लिए मुक्त बिजली दी जाये। इस तरह विभिन्न मांगों को लेकर महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी कार्यालय में दिया। प्रदर्शन में शिववती साहू , सतीश मेहता , राजेश अग्रवाल पार्षद , राजीव शांत , राजकुमार राजपूत, अनीता, ओमवती , जयश्री गंगवार , लक्ष्मी, राजेंद्र घिल्डियाल आदि मौजूद थे।