बरेली। सिरौली क्षेत्र में महाभारत काल की विरासत मानी जाने वाली ऐतिहासिक लीलौर झील के पुनरुद्धार की बहुप्रतीक्षित प्रक्रिया का गुरुवार को शुभारंभ हो गया। उत्तर प्रदेश सरकार के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने विधिवत भूमि पूजन कर झील पुनरुद्धार कार्य का शिलान्यास किया। बरेली की आंवला तहसील के सिरौली क्षेत्र में स्थित यह झील लगभग 52 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है। बीते वर्षों में प्राकृतिक जल स्रोतों के सूखने और गंदे नालों के प्रभाव से यह झील बदहाल स्थिति में पहुंच गई थी। अब शासन और प्रशासन के सहयोग से इसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है। पर्यटन और पर्यावरण संरक्षण का केंद्र बनेगी लीलौर झील झील में जल आपूर्ति के लिए नलकूप लगाए जाएंगे, और गंदे पानी के प्रवाह को रोकने की समुचित व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही यहां पक्षी विहार और नौका विहार जैसी पर्यटन सुविधाओं का विकास किया जाएगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा। आर्थिक सहायता की घोषणा कार्यक्रम के दौरान मंत्री धर्मपाल सिंह ने झील के पुनरुद्धार हेतु आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की घोषणा की और इसे सरकार की प्राथमिकता में शामिल करने की बात कही। प्रशासनिक निगरानी के लिए टास्क फोर्स का गठन बरेली के जिलाधिकारी द्वारा झील के विकास कार्यों की निगरानी हेतु एक विशेष टास्क फोर्स का गठन किया गया है, जो नियमित रूप से प्रगति की समीक्षा करेगा। जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने किया श्रमदान और वृक्षारोपण शिलान्यास कार्यक्रम में पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह, सांसद छत्रपाल गंगवार, नवाबगंज विधायक एमपी मौर्य, बिथरी विधायक डॉ. राघवेंद्र शर्मा, जिला पंचायत अध्यक्ष रश्मि पटेल, एडीएम अवनीश चंद्र, सीडीओ देवयानी यादव, एसडीएम नहने राम समेत कई वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर श्रमदान और वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। स्थानीय जनता में उत्साह इस ऐतिहासिक कार्य की शुरुआत को लेकर स्थानीय जनता में भारी उत्साह देखने को मिला। बड़ी संख्या में ग्रामीणों और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति ने कार्यक्रम को एक जन आंदोलन का स्वरूप प्रदान किया।