माहेश्वरी साहित्यकार मंच” के तत्वाधान में ऑनलाइन वीडियो चर्चा
विषय -“हम समाज को क्या दे रहे हैं? या क्या दे सकते हैं?”
बदायूं।”माहेश्वरी साहित्यकार मंच” के तत्वाधान में एक वीडियो चर्चा आयोजित की गई जिस का विषय रहा- “हम समाज के लिए क्या दे रहे हैं? यह क्या दे सकते हैं? एवं समाज से हमारी क्या अपेक्षाएं हैं “।कार्यक्रम का आयोजन ऑनलाइन वीडियो चर्चा पर आधारित रहा। जिसमें देश के विभिन्न प्रांतों में रह रहे व विदेश में रह रहे माहेश्वरी साहित्यकारों ने प्रतिभागिता की और प्रशस्ति पत्र प्राप्त किए ।कार्यक्रम में हुआ गहन चिंतन भरपूर, सब के शब्द हर दिल में उतर गए ।संस्था के संस्थापक श्याम सुंदर माहेश्वरी, सतीश लखोटिया, कलावती करवा ,मधु भूतड़ा,स्वाति जैसलमेरिया के संयोजन व निर्देशन में सफल कार्यक्रम आयोजित किया गया।
मुख्य अतिथि विजय राठी , विशिष्ट अतिथि संजय माहेश्वरी एवं कार्यक्रम अध्यक्ष जुगल किशोर सोमानी रहे । जुगल किशोर सोमानी (कार्यक्रम अध्यक्ष) ने कहा-“जैसे हम हैं वैसा हमारा समाज निज पर शासन करो फिर अनुशासन बनता है आलोचना से पहले अपने आचरण को सुधारें।”
कार्यक्रम का शुभारंभ कलावती कर्वा व सतीश लखोटिया द्वारा सरस्वती मां व भगवान महेश की इमेज के द्वारा किया गया ।डॉक्टर सूरज महेश्वरी दीप प्रज्वलित का वीडियो प्रेषित किया -” आओ दीप जलायें”। पूजा नबीरा ने पूजा व पुष्प कुछ सादगी के साथ अर्पित किए। शीला तापड़िया द्वारा सरस्वती बंदना आमंत्रण देने पर बिंदु सोमानी ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की ।महेश वंदना आमंत्रण प्रसन्ना द्वारा देने पर विष्णु आसावा बिल्सी महेश वंदना प्रस्तुत की ।स्वाति जैसलमेरिया द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। कलावती कर्वा द्वारा मुख्य अतिथि आमंत्रण देने पर विजय राठी ने अपने उद्बोधन में बोलते हुए कहा-” यह समाज कि हमारा मार्ग प्रशस्त करता है ।इसलिए हमें समाज के साथ खड़ा रहना चाहिए।” विशिष्ट अतिथि संजय माहेश्वरी को मधु भूतड़ा के द्वारा आमंत्रण देने पर उन्होंने कहा-” अपने विकास के साथ बंधुओं की भावनाओं का भी हमेशा ध्यान रखना चाहिए “।कार्यक्रम अध्यक्ष जुगल किशोर सोमानी को सतीश लखोटिया द्वारा आमंत्रण दिया गया।
मधु भूतड़ा ने काव्यमय अंदाज में कहा-” किस समाज शब्द संगठन का योग है सब देते सहयोग हैं।” कलावती कर्वा ने कहा-“अपनी लेखनी द्वारा हमें जनजागृति लाना है”। सतीश लखोटिया ने कहा-“
समाज हमारा ब्रांड है तन मन धन तीनों चीजों से समाज को बहुत कुछ दे सकते हैं।”स्वाति जैसलमेरिया ने कार्यक्रम का समापन का आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में देश के विभिन्न प्रांतों वह विदेश से जुड़े साहित्यकारों ने समाज की अपेक्षाएं वहां क्या दे रहे हैं विषय पर अपने विचार रखें जिनमें करीब 72 लोगों ने प्रतिभागिता की। सभी को सम्मान पत्र भी वितरित किए गए। जिनके नाम हैं- -सुनीता माहेश्वरी, (नासिक ),अशोक कुमार राठी ,पुरुषोत्तम जाजू,निलम सोमानी(मोहोपाड)श्वेता धूत, (हावड़ा ),डिम्पल माहेश्वरी
पूजा नबीरा, (नागपुर ),R. P. मुंदड़ा ,रंजना बिनानी, (गोलाघाट,) (आसाम )
डॉ. सूरज माहेश्वरी (जोधपुर),बिंदु सोमानी,अनुभि माहेश्वरी(रतलाम )प्रश्नना राठी, (नागपुर ),शीला तापड़िया, (नागपुर ),विष्णु आसवा( बदायूं ),संगीता दरक, (मनासा )सारिका फलोर, (केन्या ),अमित जी राठी,
नेहा चितलांगिया, (मालदा),राखीश्री बिहानी,्स्वति मानना (बालोतरा )डॉ. शुभ्रा माहेश्वरी, (बदायूं )राजराठी, (अकोला),सुनीता मल्ल, (मालेगांव )कुमकुम काबरा,
शशि लाहोटी ,भगवती बिहानी, (नाजिरा),सुमन माहेश्वरी, (फरीदाबाद ),मनीषा राठी, (उज्जैन) ,मंजू हरकुट, (मेरठ ),सुषमा मूंधड़ा,सुनीता हेड़ा, (जोधपुर),अनीता मंत्री, (अमरावती ),किशन राठी, (मुंबई ),ज्योत्स्ना माहेश्वरी,( मेरठ ),भारत भूषण गांधी,मुकुट बिहारी गाँधी,
कमला माहेश्वरी, (बदायूं )
पुष्पा बल्दवा, (ठाणे),विनोद फाफट, (नागपुर ),मंजू मालपानी,रेनू टावरी,(रायपुर )
द्वारका प्रसाद जी तापङिया जयपुर,प्रज्ञाश्रीथिरानी,फाजिल्का, (पंजाब),सुनीता जी लाहोटी,
रेखा जी लखोटिया, (नागपुर) नीलेश कुमार सोडानी,सुमित्रा जी चांडक ,सुरेंद्र जी सारडा(जयपुर,)
मुरली जी लाहोटी, (हिंगणघाट)शिव रत्न जी मोहता, (जयपुर,),पूर्णिमा जी काबरा,सरोज जी गट्टानी,
अतुल अविरल कासट, विनिता मालू निर्झर,चारुलता राठी, उर्मिला तापङिया,( नोखा ),लखन लाल माहेश्वरी, (अजमेर),नीरा जी मल्ल,शोभा
सभी ने समाज को हम ही श्रेष्ठता प्रदान करने वाले हो सकते हैं जैसे विचारों की गंगा जमुनी संस्कृति की पयस्विनी बहायी।