शाहजहांपुर। एस०एस० कॉलेज के वाणिज्य विभाग द्वारा एम०कॉम० के छात्रों के लिए अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया जिसका विषय था “वर्तमान आयकर विधान।” अतिथि वक्ता राजकीय महाविद्यालय, बिलासपुर, रामपुर के वाणिज्य विभाग के अध्यक्ष डॉ० अवतार दीक्षित ने बोलते हुए कहा कि आजादी के बाद भारत ने अंग्रेजों द्वारा बनाए गए आयकर अधिनियम को ही जारी रखा किंतु 1961 में भारतीय आयकर अधिनियम लागू किया गया। जिसके अंतर्गत वर्तमान में करारोपण के दो विकल्प प्राप्त हैं, इनमें से एक विकल्प में धारा 80 के अंतर्गत अनेक कटौतियां उपलब्ध हैं जबकि नवीन विकल्प में कोई कटौती उपलब्ध नहीं है। कटौती न देने के पीछे सरकार की मंशा उपभोग और विनियोग को प्रोत्साहित करने की है। उन्होंने कहा कि वर्तमान आयकर अधिनियम अत्यंत पुराना हो चुका है और आधुनिक आर्थिक वातावरण के अनुरूप नहीं है। अतः शीघ्र ही भारत सरकार आयकर अधिनियम के स्थान पर ‘प्रत्यक्ष कर संहिता’ लागू करने वाली है। जिसके बाद आयकर समाप्त हो जाएगा और उसके स्थान पर कोई अन्य प्रत्यक्ष कर नवीन प्रावधानों के साथ लागू होगा जो करदाता और देश की आर्थिक प्रगति को प्रोत्साहित करने वाला होगा। डॉ० अनुराग अग्रवाल के संचालन में हुए व्याख्यान के अंत में अतिथि व्याख्याता को स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। एम०कॉम० के प्रभारी डॉ० गौरव सक्सेना ने धन्यवाद व्यापित किया। व्याख्यान में डॉ० कमलेश गौतम, डॉ० विजय तिवारी, डॉ० अजय कुमार वर्मा, डॉ० संतोष प्रताप सिंह, डॉ० सचिन खन्ना, कु० बृजलाली आदि शिक्षक भी उपस्थित थे। व्याख्यान के आयोजन में रिया गुप्ता, रिद्धिमा अग्रवाल, निहारिका, इल्मा अली आदि छात्राओं ने विशेष सहयोग प्रदान किया।