आर्मी जवान से एके-47 के 70 कारतूस बरामद, वेस्ट यूपी में खुफिया एजेंसियां अलर्ट पर

मेरठ। वेस्ट यूपी में सुरक्षा एजेंसियों की चिंता उस वक्त बढ़ गई जब एटीएस मेरठ यूनिट ने एक आर्मी जवान को एके-47 के 70 कारतूसों के साथ गिरफ्तार किया। आरोपी जवान की पहचान दौराला क्षेत्र के नगली आजड गांव निवासी राहुल कुमार के रूप में हुई है, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के अहमदनगर में तैनात है और छुट्टी पर मेरठ आया हुआ था।
गिरफ्तारी और प्रारंभिक जांच
एटीएस ने राहुल कुमार को मंगलवार रात करीब 10:20 बजे मोदीपुरम रैपिड-मेट्रो स्टेशन पर दबोचा। पूछताछ में राहुल ने खुलासा किया कि जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन ड्यूटी के दौरान वह एके-47 के कारतूस चुराकर लाता था। पूछताछ में उसने यह भी बताया कि वह ये कारतूस शास्त्रीनगर निवासी एक युवक को बेचने वाला था। हालांकि, इस युवक की पहचान एजेंसियों ने अभी सार्वजनिक नहीं की है।
एके-47 के कारतूस: सीमित उपयोग, गंभीर आशंका
जांच में सामने आया कि बरामद कारतूस 7.62/39 मिमी बोर के हैं, जो विशेष रूप से एके-47 राइफल में ही इस्तेमाल किए जाते हैं। पुलिस विभाग में असलहे के एक्सपर्ट्स के अनुसार यह कारतूस एसएलआर, इंसास या किसी अन्य असलहे में इस्तेमाल नहीं हो सकते, जिससे यह मामला और गंभीर हो गया है।
एजेंसियों का अलर्ट मोड
एटीएस, आईबी, एलआईयू और मिलिट्री इंटेलिजेंस समेत कई सुरक्षा एजेंसियों ने मामले की संयुक्त जांच शुरू कर दी है। एजेंसियों का फोकस इस बात पर है कि इतने घातक कारतूस किस उद्देश्य से इकट्ठे किए जा रहे थे और इनकी डिलीवरी किन्हें होनी थी? सेना पुलिस के कमांडर पुनीत शर्मा ने भी आरोपी से पूछताछ कर इसकी जानकारी संबंधित बटालियन को भेज दी है।
कारतूसों की ट्रेसिंग और सीरियल नंबर
बरामद कारतूसों पर सीरियल नंबर और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री के निशान पाए गए हैं। इससे यह जानकारी निकाली जा रही है कि कारतूस किस फोर्स को जारी किए गए थे और कहां से चोरी हुए। एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि ये कारतूस कश्मीर या अन्य किसी ऑपरेशनल जोन से गायब हुए हैं या नहीं।
रिमांड और पूछताछ की संभावना
सुरक्षा एजेंसियां आरोपी राहुल कुमार को दोबारा रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही हैं, ताकि उससे कारतूसों की सप्लाई चेन, खरीदारों की पहचान और संभावित साजिश से जुड़े और सुराग निकाले जा सकें।
एसएसपी का बयान
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने कहा, “यह मामला सेना और उससे जुड़े एक जवान से संबंधित है, इसलिए सुरक्षा एजेंसियां गोपनीय रूप से बारीकी से जांच कर रही हैं। एटीएस ने गिरफ्तारी के बाद पुलिस को केस ट्रांसफर किया है। पुलिस को अभी तक अतिरिक्त जानकारी नहीं दी गई है।”