शिक्षकों ने काठमांडू में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में कहा तकनीकी विकास के लिए भारत नेपाल परस्पर सहयोगी

शाहजहांपुर। एस.एस. कॉलेज के शिक्षकों का दल काठमांडू में अंतरराष्ट्रीय सेमिनार आयोजित करके तथा शैक्षिक भ्रमण पूर्ण करके वापस आ गया है। महाविद्यालय के वाणिज्य तथा रसायन विभाग ने एमआईटी कॉलेज काठमांडू में कॉमर्स मैनेजमेंट, मानविकी और विज्ञान तथा तकनीकी के क्षेत्र में तीव्र विकास हेतु नवाचारी प्रयास विषय पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया जिसके उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि इन्दिरा राणा मगर डिप्टी स्पीकर हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव नेपाल ने बोलते हुए कहा की नवाचार सभी प्रकार के विकास का आधार है। भारत और नेपाल दोनों अच्छे पड़ोसी और मित्र देश हैं। दोनों देशों में बजट का एक महत्वपूर्ण भाग शोध एवं तकनीकी विकास पर व्यय किया जा रहा है। तकनीकी विकास के क्षेत्र में भारत नेपाल परस्पर सहयोगी है। दोनों देशों को तीव्र विकास हेतु और अधिक नवाचारी प्रयास करने होंगे। उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता एमआईटी कॉलेज काठमांडू के अध्यक्ष सुरेंद्र सुबेदी ने करते हुए कहा कि भारत और नेपाल के मध्य शिक्षा तथा पर्यटन के क्षेत्र में मिलकर काम करने की अपार संभावनाएं हैं। कार्यक्रम के उपाध्यक्ष डॉ अनुराग अग्रवाल ने कहा कि नवाचार यद्यपि विकास का आधार है किंतु नवाचारों का पूरा लाभ तब ही मिल सकता है जब उनके दुरुपयोग को नियंत्रित किया जाए। विषय स्थापना करते हुए की-नोट स्पीकर डॉ बीजू कुमार थपलियाल, कुलपति पूर्वांचल विश्वविद्यालय नेपाल ने कहा कि भारत वित्तीय क्षेत्र में नवाचारों के माध्यम से एक बड़ी आर्थिक शक्ति बन गया है नेपाल भी अपने पर्यटन उद्योग और निर्यात संवर्धन के क्षेत्र में नवाचार कर रहा है ताकि उसके विदेशी मुद्रा कोष में वृद्धि हो सके। विकास के लिए नेपाल में न केवल सरकारी प्रयास किया जा रहे हैं अपितु सामाजिक संगठन भी कार्य कर रहे हैं। भारत की ओर से विषय स्थापना करते हुए उस्मानिया विश्वविद्यालय हैदराबाद के प्रो कस्तूरी श्रीनिवास ने कहा कि अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में भारत ने ऊंची उड़ान भरी है और आर्थिक सेवाओं को विश्व स्तरीय बनाया है जिससे यद्यपि साइबर क्राइम बड़ा है किंतु भारतीय अर्थव्यवस्था को पंख भी लगे हैं। सेमिनार के उद्देश्य को स्पष्ट करते हुए सहसंयोजक डॉ चारु मेहरोत्रा प्राचार्य गोकुल दास हिंदू महिला महाविद्यालय मुरादाबाद ने कहा कि भारत के विद्वानों द्वारा काठमांडू आकर सेमिनार आयोजित करने का उद्देश्य पारस्परिक शैक्षिक सहयोग को बढ़ावा देना और विकास हेतु आवश्यक तकनीकी सहयोग को मजबूत बनाना है उन्होंने कहा कि भविष्य में भी नेपाल के शैक्षिक संस्थानों के साथ मिलकर इस प्रकार के आयोजन किए जाएंगे।

शैक्षिक सहयोग की दृष्टि एस.एस. कॉलेज और मॉडल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी काठमांडू नेपाल तथा न्यू दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट के बीच एमओयू भी हस्ताक्षर किए गए । एम ओ यू पर एस.एस. कॉलेज की ओर से डॉ अनुराग अग्रवाल तथा कु. बृज लाली ने हस्ताक्षर किए जबकि नेपाल की ओर से सुरेंद्र सुबेदी और देवी चरण ने हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर नोबल एकेडमी पोखरा नेपाल द्वारा प्रकाशित जर्नल तथा एस.एस. कॉलेज और न्यू दिल्ली इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट द्वारा प्रकाशित शोध पत्रों की पुस्तक का विमोचन भी किया गया। उद्घाटन सत्र के बाद विषय विशेषज्ञों के पैनल में नेपाल के डॉ संदेश दास, डॉ शेरिंग लामा तथा भारत तथा गोकुलदास कॉलेज मुरादाबाद के अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डॉ अनुराधा सिंह ने अपने विचार रखे। सेमिनार के दूसरे दिन चार तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया जिनकी अध्यक्षता डॉ भरत सिंह थापा, डॉ संजू कुमार सिंह , डा सीमा गुप्ता और डॉ रुचि अग्रवाल ने की। तकनीकी सत्रों में भारत की ओर से 23 तथा नेपाल की ओर से 27 शोध पत्र पढ़े गए। भारतीय शोध पत्रों में से आंध्र प्रदेश की शोध छात्र राम्या सुधा, राजस्थान वनस्थली की शोध छात्र इशिका त्रिवेदी, एस.एस.कॉलेज की अंतरा अग्रवाल तथा दिल्ली के चिराग मित्तल को बेस्ट रिसर्च पेपर प्रेजेंटर अवार्ड दिया गया। सेमिनार के समापन सत्र में मधेश विश्वविद्यालय नेपाल के कुलपति डॉ दीपक शाक्य ने मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए कहा कि भारत और नेपाल के बीच सामाजिक तथा आर्थिक दृष्टि से गहरे संबंध हैं दोनों परस्पर पूरक के रूप में कार्य करते हैं। दोनों ही देश कृषि, जल विद्युत, धार्मिक पर्यटन तथा लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता व अन्य नवीन तकनीकियों का प्रयोग कर रहे हैं किंतु अभी भी आर्थिक और वैज्ञानिक क्षेत्र में नवीन तकनीकियों को विकसित किए जाने की आवश्यकता है। समापन सत्र में नेपाल की डा श्वेता दीप्ति, विनोद कुमार विश्वकर्मा, दिली राम शर्मा संगरौला, उज्जवल भट्टाराय तथा भारत की ओर से हेमवती नंदन बहुगुणा केंद्रीय विश्वविद्यालय गढ़वाल के डॉ कृष्ण कुमार वर्मा, हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला के डॉ के के वर्मा, ईश्वर शरण डिग्री कॉलेज प्रयागराज के डॉ प्रदीप सक्सेना तथा बरेली कॉलेज बरेली के डॉ भूपेंद्र सिंह को आचार्य रत्न अवार्ड से सम्मानित किया गया। एस एस कॉलेज के रसायन विभाग के अध्यक्ष तथा सेमिनार के संयोजन सचिव डॉ आलोक कुमार सिंह ने सेमिनार रिपोर्ट प्रस्तुत की और नोवेल एकेडमी पोखरा नेपाल के सी ई ओ विश्वेश्वर आचार्य ने सह संयोजक के रूप में धन्यवाद व्यापित किया। एम आई टी नेपाल की शिक्षिका शिवानी के संचालन में हुए कार्यक्रम में नेपाल के छात्र-छात्राओं द्वारा अनेक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। सेमिनार में भारत की ओर से 128 शिक्षकों तथा शोधछात्रों ने सहभागिता की। डॉ शैलेश कुमार सिंह, डॉ राजेश कुमार शर्मा, डॉ सुमन कुमार शर्मा, डॉ भरत सिद्धार्थ, डॉ अलका मेहरोत्रा, डॉ गुंजन सक्सेना, डॉ आलोक गुप्ता, डॉ वेद प्रकाश, डॉ कौशल किशोर दिनकर, डॉ जबीर हुसैन, डॉ ओंकार, डॉ अजय वर्मा, डॉ गौरव सक्सेना, पोथीराम सिंह, डा मोहनी शंकर, अवनीश कुमार सिंह, दिव्यांश मिश्रा, डॉ रेनू कीर, डॉ सुमन लता, आकांक्षा सिंह, अनुशील पाल आदि ने संपूर्ण आयोजन में विशेष उत्तरदायित्वों का निर्वहन किया।