बरेली। नबीरा-ए-आला हज़रत व ऑल इंडिया रज़ा एक्शन कमेटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी ने एक बार फिर फ़िलस्तीन के मज़लूमों की तरफ़ मदद का हाथ बढ़ाया है। मिस्र की अल-अज़हर यूनिवर्सिटी में इल्म-ए-दीन पढ़ने गए बरेली के छात्रों के ज़रिए वहाँ पानी मुहय्या कराया गया है। हज़रत अदनान मियाँ ने कहा है कि भारत समेत दुनिया भर में हुकूमतों को चाहिए कि ग़ाज़ा में भूख को हथियार बनाए जाने की ग़ैरइंसानी हरकत को रोकने की हर मुमकिन कोशिश करें। मिस्र की अल-अज़हर यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले बरेली शरीफ़ और आसपास के छात्र उर्स-ए-ताजुश्शरीया के मौक़े पर मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी से मुलाक़ात करने आए थे। उसके बाद ही अदनान मियाँ ने इन लोगों को मदद भेज दी थी। चूँकि ग़ाज़ा के हालात बद से बदतर हो चले हैं इसलिए वहाँ खाना-पानी का इंतज़ाम करने में बड़ी दिक़्क़त पेश आई और काफ़ी वक़्त लग गया।। खाने का सामान तो अब तक नहीं मिल सका मगर किसी तरह पानी का इंतज़ाम हो गया, जो बक़रईद के मौक़े पर ग़ाज़ा के लोगों में तक़सीम किया गया। बता दें कि इससे पहले भी आरएसी कई बार ग़ाज़ा में खाना, पानी और राशन बंटवा चुकी है। इस बार भी हज़रत अदनान मियाँ ने अल-अज़हर में पढ़ने वाले अक़ीदतमंदों को ताकीद की है कि खाने का इंतज़ाम भी जल्द से जल्द करने की कोशिश करें। उन्होंने कहा है कि ग़ाज़ा में खाने का सामान मिलना मुश्किल है। पानी का इंतज़ाम करने में भी चार-पाँच दिन लग गए। इससे ज़ाहिर होता है कि वहाँ हालात कितने भयानक है। उन्होंने कहा कि दुनिया भर के मानवाधिकार विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ग़ाज़ा में नरसंहार हो रहा है, भूख और प्यास को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे रोकने के लिए भारत सहित सभी मुल्कों को कोशिश करनी चाहिए ताकि अमन क़ायम हो सके।