गाजियाबाद। आज सुबह तड़के भीषण आंधी, तूफान,बारिश हुई। आंधी थमने के बाद सुबह जब अन्य पुलिस कर्मी ऑफिस पहुंचे, तब घटना का पता चला। पुलिसकर्मियों ने मलबे में दबे वीरेंद्र कुमार मिश्रा मुश्किल से बाहर निकाला। नाईपुरा स्थित संयुक्त अस्पताल में भर्ती कराया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मृतक दरोगा के परिजनों और पुलिस विभाग के अधिकारियों को जानकारी दी गई। ACP अंकुर विहार का यह ऑफिस लोनी इलाके के दिल्ली-सहारनपुर रोड पर स्थित इंद्रापुरी में है* काम निपटाने के बाद ऑफिस में ही सो गए थे वीरेंद्र इटावा के ग्राम चित्तभवन थाना एकदिल निवासी दरोगा वीरेंद्र मिश्रा (65) परिवार के साथ दिल्ली के बसंत विहार में रहते थे। वहीं से एसीपी कार्यालय गाजियाबाद अप डाउन करते थे। दरोगा वीरेंद्र मिश्रा की शनिवार रात 9 बजे अपनी पत्नी सुधा मिश्रा से फोन पर बात हुई थी। परिवार के मुताबिक, रात में वीरेंद्र ने बताया कि रविवार सुबह मीटिंग है, इसलिए आज घर नहीं आऊंगा। उन्होंने ऑफिस में ही रुकने की बात ही कही थी। वीरेंद्र मिश्रा वर्तमान में एसीपी अंकुर विहार के रीडर थे। उनके दो बेटे प्रशांत और प्रदीप मिश्रा हैं। इनमें एक बेटा दिल्ली पुलिस की तैयारी कर रहा है। सूचना पर दिल्ली में रह रही पत्नी बेटे के साथ घटनास्थल एसीपी ऑफिस पहुंचीं। वह पति का शव देखते ही चीखकर रोने लगीं। पुलिसकर्मियों ने उन्हें किसी तरह संभाला। दरोगा की पत्नी का आरोप है कि मेरे पति से 24 घंटे काम लिया जाता था, जिसकी वजह से वह ज्यादातर घर भी नहीं आ पाते थे शासन ने मामले में पुलिस कमिश्नर गाजियाबाद से रिपोर्ट मांगी है। 2 साल पहले ठेकेदार आशीष कुमार ने एसीपी के पेशी कार्यालय को तैयार कराया था, जिसमें 5.30 लाख रुपए का खर्च आया था। ठेकेदार आशीष कुमार के खिलाफ जांच बैठा दी गई है। अंकुर विहार एसीपी दफ्तर का निर्माण दो साल पहले ही करवाया गया था। गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट को बने ढाई साल से ज्यादा हो चुका है। गाजियाबाद से क्राइम रिपोर्टर सद्दाम हुसैन की रिपोर्ट