ताजुश्शरिया की नसीहत याद रखें, अक़ीदे की हिफ़ाज़त करें – मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी

बरेली। ऑल इंडिया रज़ा एक्शन कमेटी और आरएसी ट्रस्ट ने उर्स-ए-ताजुश्शरिया के मौक़े पर अक़ीदतों की महफ़िल सजाई है। उर्स के पहले दिन आरएसी मुख्यालय “बैतुर्रज़ा” पर लंगर शुरू हो चुका है जो उर्स मुकम्मल होने तक जारी रहेगा। तमाम तक़रीबात नबीरा ए आला हज़रत दामाद ए अमीन ए शरीयत ख़लीफ़ा-ए-ताजुश्शरिया हज़रत अफ़रोज़ रज़ा कादरी साहब की सरपरस्ती में हो रही हैं। नबीरा-ए-आला हज़रत व आरएसी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी सदारत फ़रमा रहे हैं। इस मौक़े पर नबीरा-ए-आला हज़रत ने ख़ास पैग़ाम दिया है कि ताजुश्शरिया की नसीहत को याद रखें और हर हाल में अक़ीदे की हिफ़ाज़त करें। आरएसी मुख्यालय “बैतुर्रज़ा” पर उर्स-ए-ताजुश्शरिया की तक़रीबात 4 मई को कलाम-ए-पाक की तिलावत के साथ शुरू हुईं। फ़ातिहाख्वानी के बाद लंगर शुरू हो गया। दूर-दूर से आईं आरएसी की टीमें ताजुश्शरिया के मज़ार शरीफ़ पर हाज़िरी और चादरपोशी से पहले नबीरा-ए-आला हज़रत मौलाना अदनान रज़ा क़ादरी से मुलाक़ात करने पहुँच रही हैं। दिनभर मज़ार शरीफ़ पर गुलपोशी और चादरपोशी के बाद शाम को “बैतुर्रज़ा” पर नूरानी महफ़िल सजाई गई। अब 5 मई को उर्स के दूसरे और आख़िरी दिन भी “बैतुर्रज़ा” पर लंगर बादस्तूर जारी रहेगा। अस्र की नमाज़ के बाद “बैतुर्रज़ा” पर कुरान ए करीम कि तिलावत से महफिल का आगाज होगा हम्द, नातख्वानी उलमा कि तकरीर होगी जिसमें ताजुश्शरिया कि जिंदगी पर रोशनी डाली जाएगी और क़ुल शरीफ की रसम अदा कि जाएगी और आख़िर में हज़रत अदनान मियां साहब ख़ुसूसी दुआ फ़रमाएंगे। इस मौक पर मुफ्ती उमर रज़ा हाफिज इमरान रज़ा बरकाती मुशाहिद रफत हनीफ अजहरी सईद सिब्तैनी मोहम्मद जुनैद अमीक रज़ा मुजफ्फर अली सय्यद मुशर्रफ हुसैन राशिद रज़ा आरिफ रज़ा सय्यद रिजवान मोहम्मद चांद शाहनवाज रज़ा आसिफ कुरैशी मौलाना तालिब रज़ा मौलाना लियाकत हुसैन मौलाना ताज रज़ा हाफिज आरिफ रज़ा साजिद रज़ा काशिफ रज़ा मोईद रज़ा फुरकान रज़ा उवैस रज़ा गुल हसन आसिफ रज़ा राशिद रज़ा खालिद रज़ा अजहर रज़ा मुजाहिद रज़ा राशिद गद्दी गुलाम मोहम्मद इब्ने हसन सलमान रज़ा यासीन गद्दी जाहिद गद्दी बब्बू गद्दी यूसुफ अली मोहम्मद चांद अफजल रज़ा इरशाद रज़ा यूनुस रज़ा सलमान रज़ा राज मोहम्मद आकिब रज़ा असलम रज़ा इशाकत अल्वी मोहम्मद ताहिर मोहम्मद अहमद फुन्नू मियां जुबैर खान सलमान अल्वी आफताब हुसैन खुर्शीद आलम मुजाहिद रज़ा मंसूर अली सहित बड़ी तादाद में उल्मा (आर ए सी) पदाधिकारी वा कार्यकर्ता मौजूद रहे।