बदायूं। गिन्दो देवी महिला महाविद्यालय बदायूं की राष्ट्रीय सेवा योजना प्रथम इकाई के तत्वाधान में कार्यक्रम अधिकारी असिस्टेंट प्रोफेसर सरलादेवी चक्रवर्ती के दिशा निर्देश नेतृत्व में एवं प्राचार्य डॉ गार्गी बुलबुल के संरक्षण में स्वयंसेविकाओं ने अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस बड़े ही हर्षाेल्लास के साथ मनाया। वर्चुअल माध्यम से प्राचार्या डॉ गार्गी बुलबुल मैम ने सभी को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित करते हुए योग को स्वस्थ रहने के लिए अपने जीवनचर्या में शामिल करने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम अधिकारी असिस्टेंट प्रोफेसर चक्रवर्ती ने विस्तार पूर्वक योग के महत्व एवं उद्देश्य पर चर्चा की बताया की पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस २१ जून २०१५ को पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया था। इस दिन करोड़ों लोगों ने विश्व में योग किया था। योग व्यायाम का ऐसा प्रभावशाली प्रकार है, जिसके माध्याम से न केवल शरीर के अंगों बल्कि मन, मस्तिष्क और आत्मा में संतुलन बनाया जाता है। यही कारण है कि योग से शारीरिक व्याधियों के अलावा मानसिक समस्याओं से भी निजात पाई जा सकती है। योग शब्द की उत्पत्त िसंस्कृति के युज से हुई है, जिसका मतलब होता है आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन। व्यापक रूप से पतंजलि औपचारिक योग दर्शन के संस्थापक माने जाते हैं।पतंजलि के अनुसार योग के ८ सूत्र बताए गए हैं, पहला यम दूसरा नियम, तीसरा आसन, चौथा प्राणायाम, पाँचवा प्रत्याहार, छठा धारणा, सातवाँ ध्यान, और आठवा समाधि – इसमें ध्यान की वस्तु को चौतन्य के साथ विलय करना शामिल है। डॉ० इति अधिकारी ने बताया कि भगवद्गीता में भी योग के तीन प्रमुख प्रकार बताए गए हैं – १ कर्मयोग, २ भक्ति योग, ३ ज्ञान योग। वर्तमान में योग को शारीरिक, मानसिक व आत्मिक स्वास्थ्य व शांति के लिए बड़े पैमाने पर अपनाया जाता है। इस अवसर पर सभी स्वयंसेविकाओं कु० पूनम, सुषमा, काजल, पूजा, शिवांगी, रुबी, पलक वर्मा, पल्लवी, स्नेहा, दीप्ती,ज्योती, ने विभिन्न योगासनों द्वारा जनमानस को बतलाया कि स्वयं को बदलो तो यह जग बदलेगा योग से सुखमय हर दिन निकलेगा। इसलिए आओ योग करें हम योग करें दूर सभी हम रोग करें, योग हमें अपनाना है स्वस्थ समाज बनाना है का संकल्प लिया।