मुमुक्षु महोत्सव के समापन पर विराट कवि सम्मेलन हुआ,काव्य की रसधारा वही

शाहजहांपुर। मुमुक्षु महोत्सव के समापन व मुमुक्षु आश्रम के मुख्य अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद जन्मोत्सव पर एक विराट कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन में आज के सुप्रसिद्ध कवि डॉ हरिओम पवार, प्रसिद्ध हास्य कवि डॉ सर्वेश अस्थाना एवं कवयित्री मुस्कान शर्मा माधुरी के साथ अनेक स्थानीय कवियों ने भी काव्य पाठ किया।


कार्यक्रम का शुभारंभ जिलाधिकारी धर्मेंद्र प्रताप सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं पुष्पांजलि अर्पित करके किया।
डॉ हरिओम पवार ने अपनी कविताओं से पूरे माहौल में ओज का संचार किया। उन्होंने सुनाया-
’पैरों में अंगारे बांधे
सीने में तूफान भरे
आंखों में दो सागर आंजे
कई हिमालय शीश धरे
मैं धरती के आंसू का संत्रास नहीं
तो क्या गाऊँ
खूनी तालिबानों का इतिहास नहीं
तो क्या गाऊँ
गाजियाबाद से आयीं कवयित्री मुस्कान शर्मा माधुरी ने सुनाया-
’प्रेम में पाना चाहते हो तो प्रेम में
खोना भी सीखो,
निश्छल और निस्वार्थ भाव से
किसी का होना भी सीखो
त्याग समर्पण के इस बंधन को है
पावन करना गर
अपनी आंखों में दूजे के स्वप्न
संजोना भी सीखो’


कार्यक्रम का संचालन कर रहे हास्य कवि डॉ सर्वेश अस्थाना ने सुनाया-
’रिश्तो में तकरार बहुत है
लेकिन इनमें प्यार बहुत है
सारी दुनिया खुश रखने को
बस अपना परिवार बहुत है’
शाहजहांपुर के गीतकार डॉ इंदु अजनबी ने सुनाया-
’पंख लग जायें तेरी आशा को
यह दुआ बार बार करता हूँ।
तुम जो चाहो वही करो बेशक
मैं तुम्हें सिर्फ प्यार करता हूँ’
श्रृंगार की कवयित्री सरिता वाजपेई ने सुनाया-
’रंग उड़े अरु घूँघर बाजत
नाच रही धुन प्रेम आली है
कुंज पराग सनी सखियां सब
जाग फुहार सुगंध चली है’
शाहजहांपुर के नवगीतकार डॉ प्रशांत अग्निहोत्री ने सुनाया-
चांद छुपकर बादलों के बीच
देखे राह,
है तुम्हारी चाह कितनी
कौन नापे थाह,
हृदय तुममें है समाया,
या हृदय में तुम।
है बड़ा विभ्रम।
ऐसे में कहां हो तुम?


गीतकार विजय ठाकुर ने सुनाया-
लापरवाही की लोनी जो खाती रही सदा,
आर पार अब छेद हो गए उन दीवारों में।
अब न मरम्मत की गुंजाइश घुने किवाड़ों में।
पुवायां से पधारे कवि प्रदीप बैरागी ने देशभक्ति के भावों का संचार करते हुए सुनाया-
’आरती नित नित उतारूं और सदा पूजा करूं
कर्मरत मन राष्ट्र सेवा काम न दूजा करूं
देवि मुझको शक्ति देना भक्ति देना ज्ञान देना
बन के प्रहरी देश हित में गीत बन गूंजा करूं


पूर्व में ओज के वरिष्ठ कवि डा. हरिओम पवार का अंगवस्त्र पहनाकर स्वागत जिलाधिकारी धर्मेन्द्र प्रताप सिंह ने किया। वहीं कवि सर्वेश अस्थाना का सचिव डा. अवनीश मिश्रा ने, मुस्कान शर्मा का डा. मेघना मेंहदीरत्ता, सरिता बाजपेयी का डा. मीना शर्मा ने, विजय ठाकुर का एसएसएमवी के सचिव अशोक अग्रवाल ने, डा. प्रशांत अग्निहोत्री का एसएस कालेज के प्राचार्य डा. आरके आजाद ने, प्रदीप वैरागी का धर्मानंद इण्टर कालेज के प्रधानाचार्य डा. अमीर सिंह यादव ने, डा. इंदु अजनबी का एसएस लाॅ कालेज के प्राचार्य डा. जेएस ओझा ने अंगवस्त्र व बुके देकर सम्मानित किया। इस दौरान नगर आयुक्त डा. विपिन कुमार मिश्रा, प्रो अनुराग अग्रवाल, प्रो प्रभात शुक्ला, डा. आलोक कुमार सिंह, डा. आदित्य कुमार सिंह, डा. शिशिर शुक्ला, सुयश सिन्हा, डा. कविता भटनागर, डा. रूपक श्रीवास्तव, डा. सचिन खन्ना, सुधाकर गुप्ता, डा. रामनिवास गुप्ता, डा. गौरव सक्सेना, झरना रस्तोगी, मनोज अग्रवाल, रवि बाजपेयी, डा. कमलेश गौतम, राम लखन सिंह, राजनंदन सिंह, डा. आदर्श पाण्डेय, ओम सिंह सहित बड़ी संख्या में श्रोतागण उपस्थित रहे।