बरेली । इस समय गाजियाबाद में तैनात अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (ADCP) कल्पना सक्सेना है सन 2010 में कल्पना सक्सेना बरेली में एसपी ट्रैफिक के पद पर तैनात थी उस समय गाड़ी से कुचलकर जान से मारने की कोशिश के मामले में अदालत ने सजा सुनाई है। एंटी करप्शन कोर्ट के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुरेश कुमार गुप्ता ने तीन पुलिसकर्मियों और एक अन्य आरोपी को 10-10 साल की सजा सुनाई है। साथ ही, प्रत्येक आरोपी पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। यह मामला वर्ष 2010 का है, जब कल्पना सक्सेना बरेली में एसपी ट्रैफिक के पद पर तैनात थीं। उन्हें शिकायत मिली थी कि ट्रैफिक पुलिस के सिपाही अवैध वसूली कर रहे हैं। इसके बाद वह उन सिपाहियों को पकड़ने के लिए गईं। सिपाहियों ने उन्हें देखते ही उनकी गाड़ी से कुचल दिया और करीब 200 मीटर तक घसीटा। इस हमले में कल्पना सक्सेना गंभीर रूप से घायल हो गईं और उन्हें कई दिनों तक अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा। आरोपियों में सिपाही रविंद्र, रावेंद्र, मनोज और धर्मेंद्र शामिल थे। इनमें से तीन पुलिसकर्मियों को हमले के बाद निलंबित कर दिया गया था और बाद में विभागीय जांच के बाद उनकी सेवा समाप्त कर दी गई। इस मामले में भ्रष्टाचार के आरोप साबित नहीं हो सके, लेकिन आरोपियों को जानलेवा हमले और अन्य धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया। अदालत में सजा सुनाए जाने के दौरान आरोपी रोने लगे और उनके परिजन कोर्ट परिसर के बाहर मौजूद रहे। इस मामले में कुल 14 गवाह और 22 साक्ष्य पेश किए गए थे। कल्पना सक्सेना वर्ष 1990 बैच की पीपीएस अधिकारी हैं और वर्ष 2010 में उन्हें आईपीएस कैडर मिला था। यह मामला पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार और अधिकारियों के खिलाफ हिंसा की गंभीरता को उजागर करता है। अदालत के इस फैसले से यह संदेश गया है कि ऐसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।