एपीएम पीजी कॉलेज में सात दिवसीय विशेष शिविर में स्वयंसेवकों ने चलाया साक्षरता अभियान

उझानी :- आज अयोध्या प्रसाद मेमोरियल डिग्री कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना के अंतरगत सात दिवसिया शिविर के द्वितीय दिन ग्राम गंगोरा में कार्यक्रम अधिकारी डॉक्टर महेश पाल सिंह यादव के नेत्रत्व में तथा ग्राम सरोरा में डॉक्टर शिल्पी पांडे के नेत्रत्व में स्वयंसेवकों व स्वयंसेविकाओं ने साक्षरता अभियान चलाया तथा रैली निकालकर व घर घर जाकर लोगों को साक्षर होने के लिए प्रेरित किया बौद्धिक सत्र में महाविद्यालय के प्रचार्य डॉक्टर प्रशांत वशिष्ठ ने ग्रामवासियों व स्वयंसेवकों तथा स्वयं सेविकाओ को शिक्षा के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि गरीबी और बेरोजगारी को कम करने के लिए शिक्षा एक महत्वपूर्ण साधन है। यह न केवल व्यक्तिगत उन्नति में मदद करती है बल्कि आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देती है, जिसका फ़ायदा देश को भी मिलता है। इसलिए, किसी देश में शिक्षा का स्तर जितना ज़्यादा होगा, विकास की संभावना उतनी ही ज़्यादा होगी। शिक्षा का महत्त्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह हमें ज्ञान, कौशल, आत्मविश्वास, आत्मनिर्भरता, और समाज में एक सकारात्मक भूमिका निभाने में मदद करती है। शिक्षा हमारे व्यक्तित्व, चरित्र, और आदर्शों का निर्माण करती है। शिक्षा हमें अपने अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक बनाती है और हमें देश के विकास और प्रगति में योगदान करने का अवसर देती है। शिक्षा के विभिन्न प्रकार हैं, जैसे फॉर्मल शिक्षा, अनौपचारिक शिक्षा, और जीवन शिक्षा। फॉर्मल शिक्षा वह है, जो हम स्कूल, कॉलेज, या अन्य शैक्षणिक संस्थानों में प्राप्त करते हैं। इसमें हमें विषय-वस्तु, परीक्षा, और प्रमाणपत्र के आधार पर शिक्षा दी जाती है। नौपचारिक शिक्षा वह है, जो हम अपने परिवार, समुदाय, या अन्य स्रोतों से प्राप्त करते हैं। इसमें हमें अनुभव, संस्कार, और मूल्यों के आधार पर शिक्षा दी जाती है। जीवन शिक्षा वह है, जो हम अपने जीवन के दौरान सीखते हैं। इसमें हमें जीवन की चुनौतियों, समस्याओं, और अवसरों से सीखने का अवसर मिलता है।

इसके साथ ही शिक्षा अनेक प्रकार से व्यक्तिगत लाभ पहुंचाती है। यह व्यक्ति को व्यक्तिगत ज्ञान का उचित उपयोग करने और बेहतर और सूचित निर्णय लेने में मदद करती है, जिससे उनके जीवन में सफलता की संभावना बढ़ जाती है। शिक्षा के माध्यम से, व्यक्तियों को उनकी सर्वोत्तम पूर्ति के लिए निर्देशित किया जाता है, जिससे उन्हें अपने लक्ष्यों और सपनों को प्राप्त करने में मदद मिलती है। शिक्षा न केवल व्यक्तिगत स्वाध्याय को प्रोत्साहित करती है बल्कि सोचने-विचारने की क्षमता को भी बढ़ावा देती है। डॉक्टर शिल्पी पाण्डे ने स्वयंसेवक /स्वयंसेविकाओं को शिक्षा के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि शिक्षा समाज में सामाजिक समानता और सामाजिक न्याय प्राप्त करने में भी मदद करती है। यह व्यक्तिगत और सामाजिक स्व-अध्ययन के माध्यम से ज्ञान और जागरूकता को बढ़ावा देती है, जिससे एक बेहतर और ज़्यादा न्यायपूर्ण समाज का निर्माण होता है। शिक्षा का समाज में भी एक महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षा समाज को ज्ञानवान, सशक्त, समृद्ध, और सुखी बनाती है। शिक्षा समाज में सामाजिक न्याय, समानता, एकता, और शांति को बढ़ावा देती है। शिक्षा समाज में गरीबी, अशिक्षा, अज्ञानता, अन्धविश्वास, और अन्य सामाजिक बुराइयों को दूर करने में मदद करती है।
इस अवसर पर डॉ त्रिवेंद्र सिंह, आदर्शकांता, प्रो दौलतराम आदि उपस्थित रहे !
अभिनव सक्सेना