राष्ट्रीय युवा दिवस पर अन्तर महाविद्यालयी वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित

बरेली। राष्ट्रीय युवा दिवस की पूर्व संध्या पर खंडेलवाल कॉलेज, बरेली में कृत्रिम बुद्धिमत्ता: युवा भविष्य के लिए अवसर या अभिशाप विषय पर अंतर-महाविद्यालय वाद-विवाद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में बरेली के लगभग 30 प्रतिष्ठित महाविद्यालयों के विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया, जिनमें उत्कर्ष कॉलेज, बरेली कॉलेज, चौधरी हरनाम सिंह, गन्ना उत्पादक महाविद्यालय, राजश्री, इन्वर्टिस , मैस्कॉट, साहू राम स्वरूप, बाबा रामदास, गंगाशील,स्प्रिंग्डल, सरदार पटेल,निहाल श्याम, रक्षपाल, लोटस,अग्रसेन,डायट,राममूर्ति,ज्योति कॉलेज, पी.जी.आई., और के.सी.एम.टी. प्रमुख रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. प्रतिभा सागर, महाविद्यालय के चेयरमैन गिरधर गोपाल, प्रबंध निदेशक डॉ. विनय खंडेलवाल, महानिदेशक डॉ. अमरेश कुमार, और प्राचार्य डॉ. आर. के. सिंह के द्वारा मां सरस्वती की वंदना व पुष्पार्जन से हुआ।महानिदेशक डॉ.अमरेश कुमार ने विभिन्न महाविद्यालयो से आये प्रवक्ताओं का स्वागत किया व कृत्रिम बुद्धिमत्ता के विषय पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि डॉ. प्रतिभा सागर ने अपने उद्बोधन में कहा, “कृत्रिम बुद्धिमत्ता का सीमित और विवेकपूर्ण उपयोग इसे अवसर बना सकता है, लेकिन असीमित और अनुचित उपयोग समाज के लिए अभिशाप साबित हो सकता है।”निर्णायक मंडल में डॉ जया द्विवेदी, सुमित सहाय , सिद्धार्थ रीमा चावला और डॉ. पंकज यादव शामिल रहे। प्रतिभागियों ने विषय के पक्ष और विपक्ष में अपने विचार प्रस्तुत किए, जिसमें तर्क, तथ्य, और दृष्टिकोण की अद्भुत प्रस्तुति देखने को मिली। निर्णायक मंडल ने विजेताओं की घोषणा करते हुए पक्ष और विपक्ष में रूहेलखंड विश्विद्यालय से स्वर्णिमा व केसीएमटी से अभय सिंह को प्रथम, राममूर्ति से कुशाग्र व केसीएमटी शीतल को द्वितीय, लोटस इंस्टीयूट से रिया व राममूर्ति से यश को तृतीय, और सांत्वना पुरस्कार रोहिलखंड विश्वविद्यालय से दीपांशु दीप, केसीएमटी से हिवा, डाइट से अनुराग , स्प्रिंग्डल से अनिका सक्सेना, एसआरएमएस से राहुल भट्ट, उत्कर्ष कॉलेज से शिवम को प्रदान किए गए। सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। समस्त अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डॉ आर के सिंह के द्वारा किया गया।कार्यकम का कुशल संचालन डॉ नृपेंद्र प्रताप व डॉ सविता सक्सेना द्वारा किया गया। इस आयोजन को सफल बनाने में डॉ. शिव स्वरूप, डॉ. कल्पना और ले रचना का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम ने युवाओं को कृत्रिम बुद्धिमत्ता के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं को समझने और अपने विचार व्यक्त करने का एक अद्भुत मंच प्रदान किया। खंडेलवाल कॉलेज के इस आयोजन ने छात्रों में तर्कशीलता और विचारशीलता को बढ़ावा देते हुए उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया।