बिल्सी। आर्य समाज गुधनी के अन्तर्राष्ट्रीय वैदिक विद्वान आचार्य संजीव रूप ने कोरोना मुक्ति यज्ञ के 33वें दिन आज गुधनी, बमेढ़, बिसौली और बदायूँ में अनेक स्थानों पर यज्ञ किए। आचार्य ने कहा कि कोरोना महामारी खत्म होने तक हम निरंतर यज्ञ करेंगे। हम यज्ञ में दिव्य औषधियां तथा शुद्ध गाय का घी समर्पित करते हैं। जैसे-जैसे यज्ञ होता है वैसे-वैसे शुद्धता और पवित्रता वातावरण में होने लगती है। लोग स्वस्थ और भय से दूर होने लगते है। सबसे बड़ी बीमारी कोरोना नहीं कोरोना का डर है। उन्होंने कहा कि संवेदना सहायता सहयोग बहुत आवश्यक है। कोरोना छूने, पास बैठने या किसी की सहायता करने से नहीं होता। अधिकांश लोग अपनों की उपेक्षा के चलते हृदय गति रुकने के कारण भी मरे हैं। अपने घर में यज्ञ करते रहें, खुश रहें,पड़ोसी बीमार हो तो उसके घर जाएँ, उसकी सहायता करें। निराश और किसी तरह से हताश न हों।