बदायूँ। प्रदेश सरकार बाल श्रम सर्वेक्षण योजना के अन्तर्गत प्रदेश में बाल श्रम समस्या का आंकलन कराने हेतु बाल श्रम सर्वेक्षण कराया जा रहा है, जिसमें चिन्हांकित 09-14 आयु वर्ग के खतरनाक व्यवसायों/प्रक्रियाओं में चिन्हांकित बाल श्रमिको के शैक्षिक पुनर्वासन हेतु राष्ट्रीय बाल श्रम परियोजना के अन्तर्गत प्रस्ताव तैयार कर भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त करने की योजना राज्य सेक्टर से स्वीकृत की गई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस योजना के अन्तर्गत धनराशि रू0 5.00 लाख व्यय करते हुए खतरनाक व्यवसायों/फैक्टरियों में कार्य करने वाले बच्चों को चिन्हाकिंत करते हुये उन्हों शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जा रहा हैं। प्रदेश सरकार बाल श्रमिक विद्या योजना के अन्तर्गत ऐसे बाल श्रमिकों जिनके माता पिता की मृत्यु हो चुकी है। अथवा वे किसी गंभीर रोग से ग्रस्त होने के कारण कार्य करने की स्थिति में नहीं है। ऐसे कामकाजी बच्चों के लिए आर्थिक सहायता की धनराशि प्रत्येक माह रू०-1000/-बालकों के लिए व रू0 1200/-बालिकाओं के लिए दे रही हैं। लाभार्थी कामकाजी बालक/बालिका व किशोर/किशोरी योजना के अन्तर्गत कक्षा-8, 9, एवं 10 तक शिक्षा प्राप्त करते है तो उन्हें कक्षा-8 उत्तीर्ण करने पर रू० 6000/- की अतिरिक्त धनराशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाती हैं। योजना के अन्तर्गत प्रति वर्ष 8-18 आयु वर्ग के 2000 कामकाजी बच्चों/किशोर-किशोरियों को लाभान्वित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में इस योजना के अन्तर्गत रू0 3.00 करोड़ आवंटित किए गए हैं, जिसके सापेक्ष अब तक धनराशि रू0 244.802 लाख व्यय किया गया है। नया सवेरा योजना के अन्तर्गत यूनीसेफ के सहयोग से प्रदेश के बाल श्रम से सर्वाधिक प्रभावित 20 जिलों के चिन्हित 1197 ग्राम पंचायतों/शहरी वार्डों को बाल श्रम मुक्त घोषित किया गया है। योजना में 20 जिलों के 1197 ग्राम पंचायतों/शहरी वार्डों में संचालित नया सवेरा योजना के अन्तर्गत अब तक कुल 1197 ग्राम व वार्डों का सर्वेक्षण पूर्ण कराकर 6-14 आयु वर्ग के 41285 कामकाजी बच्चों को चिन्हित किया गया है, जिसके सापेक्ष 33405 बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ते हुये विद्यालय में प्रवेश दिला कर उन्हें पढ़ाई में नियमित किया गया। इसी प्रकार 15-18 आयु वर्ग के 14825 कामकाजी बच्चों/किशोर-किशोरियों को चिन्हित किया गया है तथा उन्हें व्यवसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम में जोड़े जाने की कार्यवाही की जा रही है। नया सवेरा योजना के अन्तर्गत चिन्हित कामकाजी बच्चों/किशोर-किशोरियों के 14825 परिवारों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजना से भी आच्छादित कराते हुये लाभान्वित किया गया है। अब तक 623 हॉट स्पाट (ग्राम पंचायतों/शहरी वार्डो) को बाल श्रम मुक्त घोषित किया जा चुका है।