बरेली। में दीपमाला अस्पताल के बाद एक और निजी अस्पताल पर गंभीर आरोप लगे हैं। जिसमें मामला आईवीएफ से जुड़ा बताया जा रहा। जहां महिला समेत उसके पति ने निजी अस्पताल के डॉक्टर पर लापरवाही के आरोप लगाए महिला ने बताया ओवेरियम हाइपर्सिम्यूलेशन सिंड्रोम की समस्या होने के चलते उसकी दोनों किडनियां खराब हो गई है।मामले में पीड़िता ने अपने परिवार के साथ डीएम बरेली से शिकायत की है। वही डीएम बरेली ने मामले की जांच को सीएमओ बरेली से कराने का आश्वासन दिया है। पीड़िता रश्मि सिंह ने बताया कि उसकी उम्र 26 साल है। उसकी संतान नहीं हो रही थी इसलिए उसने डॉक्टर को दिखाने का फैसला किया । तब 100 फुटा पर निजी अस्पताल चलाने वाली महिला डॉक्टर ने उसे आईवीएफ से बच्चा करने की सलाह दी। इसके बाद वह डॉक्टर के पास पहुंची। महिला ने बताया कि उसके इलाज के दौरान एग लिए गए । इसके बाद उसकी तबियत खराब होती चली गई। उसका पेट फूल गया साथ ही उसे पेशाब आना भी बंद हो गई । उसे डॉक्टर ने अपनी देखरेख में ले लिया बाद में उसे अस्पताल में एक दिन रखने के बाद कहीं अन्य जगह ले जाने को कह दिया । इसके बाद उसके परिजन उसे दिल्ली के एम्स ले गए जहां उसका इलाज किया गया। महिला के पति राघवेंद्र पाल ने बताया कि उसने संतान नहीं होने पर अपनी पत्नी रश्मि को महिला डॉक्टर को दिखाया । 15 जुलाई वर्ष 2024 को अंडाणु उठाने के बाद उसकी तबियत बिगड़ती गई। उसकी पत्नी की अस्पताल में एक दिन के लिए आईसीयू में रखा गया। तबियत में फिर कोई सुधार नहीं हुआ तो दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर ने उसके कई ऑर्गन के ख़राब होने की बात कही । इसके बाद वहां के डॉक्टरों ने कहा यह पहली बार ऐसा केस देखा है जहां आईवीएफ के चलते किसी के ऑर्गन खराब हो वह इसे अपनी स्टडी का हिस्सा बनाएंगे। महिला के पति ने यह भी बताया कि अगर उसे अधिकारियों के साथ न्याय नहीं मिला तो वह कोर्ट तक जाएंगे। इस मामले में पीड़िता के साथ कई कांग्रेसी नेताओं का साथ मिल गया है। कांग्रेसियो का कहना है कि डॉक्टर पर कानूनी कार्रवाई हो , यदि कार्रवाई नहीं हुई तो वह इसके लिए कठोर कदम उठाएंगे।आईवीएफ करने वाली डॉक्टर शबीना खान ने बताया कि आइवीएफ के चलते ऑर्गन खराब नहीं हो सकते । यह आरोप गलत है। मामले की जांच में यह बात स्पष्ठ हो जाएगी।