बरेली । ख़ानकाहे नियाज़िया में कुतबे आलम हजरत शाह नियाज़ साहब किबला के तीसरे जाँनशीन हजरत इमामुस्सालेकीन उर्फ अज़ीज मियां साहब किबला (रह0) के साहबज़ादे व खलिफा हज़रत आबिद मियाँ साहब नियाज़ी किबला (रह0) का 22 वाँ उर्स मुबारक अपनी कदीमी रिवायत और अदब के साथ मनाया गया उर्स का आगाज़ बाद नमाजे़ फज्ऱ कुरआन ख्वानी से हुआ। जिसमे मदरसे के तुलबा और मुरीदीन ने शिरकत की। बाद उसके मिलादुननबी स अ का आगाज हुआ। बाद नमाजे़ अस्र ख़ानकाहे नियाज़िया में महफिल-ए-सिमा का आयोजन सज्जादानशीन अलहाज हज़रत शाह मेहंदी मियाँ सरकार की सरपरस्ती मेें हुआ और कुल की रस्म अदा की गई। कुल के बाद मुल्क व कौम की तरक्की, अमन और भाईचारे की दुआ की गई। बाद नमाजे मग़रिब मज़ार शरीफ पर चादर पेश की गईं। हज़रत आबिद मियाँ साहब अपने वक्त के आलिम-ए-दीन होने के साथ-साथ सूफी शायर थे। आपके कलाम उर्दू, अरबी, फारसी कई जुबानों में हैं। आपके मुरीदीन लाखों की तादाद में हिन्दुस्तान और हिन्दुस्तान के बाहर हैं जिसमें पकिस्तान, इग्लैण्ड और मुख्तालिफ जगहों पर हैं। उर्स में शिरकत करने वालों में साहबजादगान के साथ-साथ मुरीदीन और अक़ीदतमन्द ने भी शिरकत की। बाद कुल के तवर्रूक तक़सीम किया गया। जिसमें मुख्य रूप से डॉ कमाल मियां नियाज़ी, ज़ाहिद मियां नियाज़ी, अब्बास मियां नियाज़ी, कासिम मियां नियाज़ी, राज़ी मियां नियाज़ी, जुनैदी मिया नियाजी, जामी मियां नियाज़ी, असकरी मिया नियाजी, हमज़ा मियां नियाज़ी, क़ायम मियां नियाज़ी जै़न मियां नियाज़ी, मुत्तकी मिया नियाजी, आदि बड़ी तादाद में लोग मौजूद रहे।