गाजियाबाद। लाठीचार्ज के विरोध में लगातार तीसरे दिन बुधवार को भी कचहरी में वकीलों ने न्यायिक कार्य नहीं किया। जिला जज अनिल कुमार की बर्खास्तगी की मांग करते हुए अधिवक्ता संगठन दिनभर धरना-प्रदर्शन करते रहे। टाइपिस्ट और फोटो स्टेट की दुकान चलाने वाले लोगों ने इस लड़ाई में वकीलों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की घोषणा की है। वकीलों ने कचहरी के मुख्य मार्ग को बंद कर दिया, इस कारण से कचहरी की तरफ आने वाले वादकारियों को घूमकर आना पड़ा। कई लोग बंद गेट पार करते समय गिरकर घायल भी हो गए। बार एसोसिएशन ने कचहरी के मुख्य मार्ग पर धरना दिया। वकील किसी भी कोर्ट में पेश नहीं हुए। इससे आने वाले दिनों में जेल में बंदियों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होगी। जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं होने से आरोपियों को लंबे समय तक जेल में रहना पड़ सकता है। धरने पर बार अध्यक्ष दीपक शर्मा, पूर्व बार अध्यक्ष अधिवक्ता नाहर सिंह यादव, रामअवतार गुप्ता, नरेश चौधरी, अनीस चौधरी, राजेंद्र चौधरी, प्रमोद शर्मा, सतपाल यादव समेत कई अधिवक्ता मौजूद रहे। अधिवक्ता जिला जज अनिल कुमार की बर्खास्तगी और लाठीचार्ज करने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन अन्नदाता के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश मीणा की तरफ से आए प्रतिनिधियों ने उनका समर्थन पत्र अधिवक्ताओं को दिया। बार के सचिव अमित नेहरा ने प्रस्ताव में कहा कि कचहरी में चल रही हड़ताल बुधवार को भी जारी रहेगी। हालांकि हाईकोर्ट बेंच स्थापना केंद्रीय संघर्ष समिति ने प्रस्ताव पास कर कहा है कि अन्य जिलों में काम होग। समिति के संयोजक अमित कुमार दीक्षित ने कहा कि बुधवार से सभी जिलों में विधिक कार्य किए जाएंगे। वकीलों की हड़ताल को समर्थन देने पहुंचे नगीना के सांसद चंद्रशेखर ने कहा कि लाठीचार्ज का मु्द्दा संसद में मजबूती से उठाएंगे। धरना स्थल पर समर्थन देने पहुंचे चंद्रशेखर ने कहा कि पीड़ितों को न्याय दिलाने वाले अधिवक्ता ही अदालत में पिट रहे हैं। पुलिस ने जिस तरह वकीलों पर कुर्सियां मारी हैं और पिटाई की है , इसकी जितनी निंदा की जाए वह कम है। इस माहौल में स्वस्थ की न्याय की परिकल्पना करना बेमानी होगी। जो दूसरों को न्याय दिलाता है, वह स्वयं न्याय की मांग करने के लिए सड़क पर बैठा है। अधिवक्ता होने के नाते वह सड़क से लेकर संसद तक वकीलों की लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने मांग किया कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।