धूमधाम से मनाया गया 78वाँ स्वतंत्रता दिवसकवि सम्मेलन व मुशायरे का हुआ आयोजन
बदायूँ । 78वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर नगर पालिका परिषद द्वारा कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया । कार्यक्रम की मुख्य अतिथि नगरपालिका परिषद की चेयरपर्सन फात्मा रजा व पूर्व विधायक आबिद रज़ा देर रात तक चले कार्यक्रम में समापन तक मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता आशा राठौर ने की।

इस कार्यक्रम में दिवंगत कवियों व शायरों के परिवारजनों को भी चेयरपर्सन फात्मा रज़ा व पूर्व विधायक आबिद रज़ा के द्वारा सम्मानित कर एक अच्छी पहल की शुरुआत की गयी । मुख्य अतिथि ने दिवंगत साहित्यकारों में नफीस बदायूनी, सलमान सहबा, अनवर कासमी, शादाब ज़की, क़मर अंसारी, रिज़वान सबा, मकसूद अली अंजुम, रौनक़ राही, विशाल ग़ाफिल, प्रदीप रायजादा आदि के परिजनों को सम्मानित किया। कवि सम्मेलन व मुशायरे का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन के पश्चात कवियत्री सरिता चौहान द्वारा माँ शारदे की वंदना एवं असरार मुजतर द्वारा नाते-पाक पढ़कर किया गया । इस जनपद स्तरीय कवि सम्मेलन व मुशायरे में उपस्थित साहित्यकारों ने देशभक्ति की रचनायें प्रस्तुत कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया।

वरिष्ठ कवि शमशेर बहादुर आँचल ने पढ़ा-
मन बाग-बाग आज है तबीयत भी मस्त है
क्यों ना मनायें खुशियाँ कि पन्द्रह अगस्त है
ख़ालिद नदीम ने पढ़ा –
किस दर्जा है बुलंद, कितना महान है,
मरकज़ हर इक निगाह का हिंदोस्तान है
संयोजक अशोक खुराना ने पढ़ा –
अमर शहीदों का सदा, करना तुम गुणगान
उनके ही बलिदान से, बढ़ा देश का मान
अहसान हुसैन ने पढ़ा –
वतन पर इस तरह मेरा क़लम कुर्बान हो जाये
मैं जो कुछ भी लिखूँ लिखते ही हिंदुस्तान हो जाये
मुजाहिद नाज़ ने पढ़ा-
हर घर तिरंगा शान से लहरा रहा है आज
झंडा हमारा करता है सबके दिलों पे राज
अहमद अमजदी ने पढ़ा –
हम वो हिंदी हैं जिन्हें हिन्दोसिताँ पर नाज़ है
फख्र है इसकी ज़मीं पर आसमाँ पर नाज़ है
अरविन्द धवल ने पढ़ा-
अंगारे थे जिन आँखों में उन आखों में पानी देख,
पानी जिसको कहा गया उस खून की आज रवानी देख।
शम्स मुजाहिदी ने पढ़ा-
ये सच है दोस्तो आजाद की क़सम ऐ ‘शम्स’
सदा से यह मेरा दिल है गुलामे-आजादी
षटवदन शंखधार ने पढ़ा –
तिरंगे मे लिपट कर रंग इसके पढ़ गये होगे
जमाने भर के गम लेकर वो ऊपर चढ़ गये होगे
चली गोली मगर पीछे हटाया पांव ना होगा
वतन खातिर वो सीना तान करके अढ़ गये होगे।
उज्जवल वशिष्ट ने पढ़ा –
हर भारतवासी को भारत जान से भी प्यारा है
इसकी मिट्टी में शामिल जीवन का उजियारा है
कार्यक्रम का संचालन खालिद नदीम व भूराज लायर ने किया।
इस कार्यक्रम में एहसान फ़रशोरी, सुरेन्द्र नाज, असरार मुजतर, डॉ. गीतम सिंह, अक्षत अशेष, विवेक चतुर्वेदी, सग़ीर सैफी, षटवदन शखधार, समर बदायूनी, शैलेन्द्र देव मिश्रा, विवेक मिश्रा व अंजलि श्रीवास्तव सहित लगभग तीस साहित्यकारों ने अपनी-अपनी रचनायें प्रस्तुत कीं। कार्यक्रम में सभासद, नगरपालिका के समस्त कर्मचारी एवं नगर के गणमान्य लोग उपस्थित रहे।