आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा को एक और एक्सप्रेसवे की सौगात मिली है। आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे को केंद्रीय कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। अब आगरा प्रदेश का पहला शहर होगा, जहां से तीन एक्सप्रेसवे गुजरेंगे। ग्वालियर से पहले आगरा से यमुना एक्सप्रेसवे नोएडा तक और ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे लखनऊ तक बन चुका है। इनके अलावा अमृतसर कोलकाता कॉरिडोर, डिफेंस कॉरिडोर प्रस्तावित है। गंगा व पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से लखनऊ एक्सप्रेसवे को लिंक कनेक्टिविटी मिलने से विकास के नए रास्ते खुलेंगे।चार लेन का यमुना एक्सप्रेसवे प्रदेश का पहला हाईस्पीड एक्सप्रेसवे था। जिसने 2012 में आगरा को नोएडा से जोड़ा था। इसके बाद प्रदेश का पहला सबसे लंबा छह लेन आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे 2016 में तैयार हुआ। अब छह लेन का आगरा-ग्वालियर एक्सप्रेसवे का टेंडर होगा। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे डवलपमेंट अथॉरिटी (यूपीडा) दो नए एक्सप्रेसवे से भी आगरा को लिंक करेगा। इसकी डीपीआर बनाने के लिए एजेंसी का चयन हो चुका है। इसमें फर्रुखाबाद लिंक एक्सप्रेसवे को गंगा एक्सप्रेस के साथ आगरा लखनऊ एक्सप्रेस और लखनऊ लिंक एक्सप्रेस वे को पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के साथ आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे से जोड़ने की तैयारी है। आगरा में 1058 एकड़ में इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (आईएमसी) प्रस्तावित है। इसे विश्व बैंक की सहायता से बनाए जा रहे 1840 किमी. लंबे अमृतसर कोलकाता इंडस्ट्रियल कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। आगरा में 150 हेक्टेयर में डिफेंस कॉरिडोर की जमीन खरीद प्रक्रिया चल रही है। यमुना एक्सप्रेसवे किनारे 10 हजार हेक्टेयर में न्यू आगरा बसाने की तैयारी है। इसके अलावा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और इनर रिंग रोड किनारे आगरा विकास प्राधिकरण इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर, ग्रेटर आगरा, मेडिसिटी, नई टाउनशिप और इंडस्ट्रियल क्लस्टर जैसी योजनाएं भी विकसित करने जा रहा है।यूपीडा के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी चर्चित गौड़ ने बताया कि आईएमसी पर काम शुरू हो चुका है। आगरा विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष अनीता यादव ने बताया कि चारों तरफ एक्सप्रेसवे से नई योजनाओं को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी। जिलाधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने कहा कि आगरा में भविष्य में विकास की नई संभावनाएं बढ़ेंगी। केंद्र व राज्य सरकार ने इसका खाका तैयार किया है। किसानों की सहमति से भूमि ली जा रही है।