बरेली। उर्स-ए-रजवी और पुलिस भर्ती एक साथ पड़ने के बाद लोगों की चिंताएं बढ़ने लगी हैं। वर्ष 2011 में आईटीबीपी भर्ती और उर्स-ए-रजवी एक साथ पड़ने के दौरान हुई घटनाओं का हवाला देकर पुलिस भर्ती की तिथि पर पुनर्विचार करने की मांग की जा रही है।अंजुमन खुद्दाम-ए-रसूल के सचिव शान अहमद रजा ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि आरक्षी नागरिक पुलिस के 60,244 पदों पर भर्ती की ऑफलाइन लिखित परीक्षा के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती और प्रोन्नति बोर्ड ने 23, 24, 25, 30 और 31 अगस्त की तिथि निर्धारित की है। वहीं 29, 30 और 31 अगस्त को बरेली में उर्स-ए- रजवी का आयोजन भी होना है। जिसमें दरगाह आला हजरत पर हर साल अलग-अलग शहरों से बड़ी संख्या में जायरीन आते हैं। ट्रेनों और बसों में जायरीन की भारी भीड़ रहती है। बरेली के होटल और गेस्ट हाउस भी फुल रहते हैं। उर्स के दौरान बरेली में परीक्षा से अव्यवस्था फैल सकती है। वर्ष 2011 में जंक्शन पर अफरातफरी के चलते बिहार के एक जायरीन को ट्रेन से गिरकर दोनों पैर गंवाने पड़े थे। लिहाजा, सरकार को 30 और 31 अगस्त की परीक्षा को लेकर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है। ज़ायरीन को किसी तरह की परेशानी न हो,इसके लिये प्रशासन से परीक्षा पहले चरण में या फिर बाद में कराने की मांग रखी जाएगी। समाजसेवी पम्मी खान वारसी ने कहा कि पुलिस भर्ती परीक्षा बरेली के सेंटरों पर यदि पहली पारी में सम्पन्न होती है तब उर्से रज़वी में आने वाले ज़ायरीन को कोई दिक्कत न होगीं।सरकार को बरेली के लिये परीक्षा की तिथियों को लेकर मंथन करने की आवश्यकता है। दरगाह आला हजरत के प्रशासनिक अधिकारी हाजी जावेद खान ने कहा कि हमने पुलिस भर्ती परीक्षा के मामले में अधिकारियों से बात करके अवगत कराया है।