बदायूं में बाढ़ का त्रासदी का सिलसिला शुरू हो चुका है। मौजूदा वक्त में रामगंगा उफान पर हैं और इसी कारण दो दर्जन से अधिक गांवों का तहसील दातागंज समेत जिला मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है। आलम यह है कि इन गांवों में खाने-पीने का सामान समेत दवाएं पहुंचाने के लिए अब प्रशासन को नाव का सहारा लेना पड़ेगा। संपर्क मार्गों पर जलभराव के हालात हैं। जबकि तमाम लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर चुके हैं। रामगंगा का वर्चस्व जिले में दातागंज तहसील क्षेत्र में ज्यादा है। गंगा में पानी कम हुआ है लेकिन रामगंगा में हालात दिनोंदिन भयावह होते जा रहे हैं। सड़कों पर हुए जलभराव में नावें चल रही हैं। यह व्यवस्था प्रशासन की ओर से कराई गई है, ताकि आवागमन पूरी तरह बंद न होने पाए। बाढ़ के हालात होने के कारण इससे प्रभावित गांवों में होने वाली शादियों की खुशियों पर भी आफत आ चुकी है। चूंकि तारीखें पहले ही तय हो चुकी थीं और मुहूर्त निकाल लिए गए थे। ऐसे में शादी समारोह भी मजबूरी है लेकिन बाढ़ के कारण बारातें जहां जलभराव से होकर गुजर रही हैं, वहीं दुल्हन की विदाई भी ट्रैक्टर व बैलगाड़ी से हो रही है। क्योंकि इस जलभराव में कार या कोई अन्य वाहन का गुजरना असंभव है। समारोहों में मेहमान भी नाम-मात्र के ही आ रहे हैं। ज्यादा दूरी वाले रिश्तेदार यहां के हालात सुनकर इधर का रुख नहीं कर रहे हैं। जिन मेहमानों या रिश्तेदारों की खास जरूरत है, वो ही किसी तरह तैरकर या अन्य संसाधनों से पहुंचकर रस्में अदा करा रहे हैं। यहां से शाहजहांपुर जिला भी ज्वाइंट होता है, रामगंगा पर अलग-अलग इलाकों में चार पुल भी शाहजहांपुर और बदायूं को जोड़ रहे हैं लेकिन पुलों की एप्रोच रोड तक पानी आने के कारण उधर जाकर जान जोखिम में डालने जैसा है।