जनसंख्या नियंत्रण फाउंडेशन ने की जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग

बरेली। जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या नियंत्रण फाउंडेशन तथा अन्य संगठनों ने भी जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने की मांग की तथा इस कानून को कठोरतम बनाए जाने की मांग पर बल दिया और प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा। जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने की मांग को लेकर आज जनसंख्या दिवस के अवसर पर जनसंख्या नियंत्रण फाउंडेशन के कार्यकर्ताओं ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर ज्ञापन दिया और कठोरतम कानून बनाए जाने की मांग की। ज्ञापन के माध्यम से मांग की है कि यह कानून सभी धर्म, जाति, क्षेत्र व भाषाई बंधनों से ऊपर उठकर राष्ट्र को सर्वोपरि मानते हुए बनाया जाए। दो बच्चों से अधिक संतान पैदा करने वाले माता-पिता को सभी सरकारी लाभ अनुदान से वंचित किया जाए। जो भी सरकारी कर्मचारी हैं वह कानून लागू होने के 1 वर्ष के बाद यदि दो से अधिक संताने पैदा करें तो उनको पद पर ना बने रहने दिया जाए। तथा कानून बनने के 1 वर्ष के बाद दो से अधिक संतान पैदा करने पर उस संतान तथा माता-पिता को मानव अधिकार तथा चुनावी प्रक्रिया में हिस्सा लेने से वंचित किया जाए। तीन संतान के बाद चौथी संतान होने पर माता-पिता दोनों की नसबंदी कराई जाए तथा उन्हें 10 साल की सजा का प्रावधान बनाया जाए ताकि कोई इस तरीके की हिमाकत न कर पाए। दंपति की प्रथम बार जुड़वा संतान होने पर परिवार को संपूर्ण माना जाए और यदि किसी की दूसरी बार में यदि संतान जुड़वा होती है तो इस कानून से उसे दूर रखा जाए उस पर यह कानून प्रभावी न हो। जाति धर्म से उठकर यदि किसी दंपति की दो संताने हैं और उनका यदि तलाक हो जाता है और यदि वह दूसरी शादी करते हैं तो पति-पत्नी में से कोई भी संतान पैदा करने के अधिकारी ना रहे चाहे जिससे शादी की हो उसकी कोई संतान न हो। जनसंख्या नियंत्रण फाउंडेशन के जिला अध्यक्ष कौशल सारस्वत का कहना है कि वह प्रत्येक वर्ष जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाए जाने की मांग करते चले आ रहे हैं। जिस तरह से जनसंख्या बढ़ती जा रही है और समाज को दो धड़ों में बांट दिया गया है कहीं ऐसा ना हो कि आगे चलकर गृह युद्ध की स्थिति बन जाए।उन्होंने कहा कि क्षेत्रफल के मामले में चीन भारत से बहुत बड़ा है मगर चीन की भी जनसंख्या भारत के बराबर नहीं है। जिस तरीके से जनसंख्या बढ़ती जा रही है उस तरीके से देश में तमाम समस्याएं उत्पन्न होगी। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस पर संज्ञान लेना चाहिए और सरकार से कहकर इस जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाने के लिए कहना चाहिए। बाइट – कौशल सारस्वत वहीं समाजसेवी त्रिभुवन शर्मा ने बताया कि सरकार को सबसे पहला काम जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाने का करना चाहिए था । उन्होंने कहा कि वह प्रत्येक वर्ष सरकार से मांग करते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाए । उन्होंने कहा कि सरकार को 2014 में ही जनसंख्या नियंत्रण कानून बना देना चाहिए था। सरकार ने तीन तलाक जैसे अन्य मुद्दों पर कानून बनाया मगर जनसंख्या नियंत्रण कानून की ओर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि कई योजनाएं सरकार ने बनाईं जैसे गैस कनेक्शन को लेकर उज्ज्वला योजना, पीएम आवास योजना ,इसका लाभ उन्हीं लोगों को मिल रहा है जो लोग जनसंख्या को बढ़ा रहे हैं।जो लोग जनसंख्या नियंत्रण कर रहे हैं उनके लिए कोई भी योजना सरकार के पास नहीं है। उन्होंने प्रधानमंत्री को अपने इस ज्ञापन पर गौर देने तथा जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाएं बनाने की मांग की है।