नई दिल्ली। भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी की रविवार से पांच दिवसीय बांग्लादेश यात्रा की शुरुआत हो गई है। उनकी इस यात्रा का उद्देश्य समुद्री क्षेत्र में द्विपक्षीय सैन्य सहयोग और नए रास्तों की प्रगति पर साथ मिलकर काम करना है। आपको बता दें कि इससे पहले बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत का दौरा किया था। उस दौरान दोनों देशों के बीच सैन्य और कूटनीतिक संबंधों में विस्तार पर चर्चा हुई थी। भारतीय नौसेना प्रमुख बनने के बाद एडमिरल त्रिपाठी की यह पहली विदेश यात्रा है। इस यात्रा के दौरान वे अपने बांग्लादेशी समकक्ष एडमिरल नजमूल हसन और अन्य सैन्य अधिकारियों के साथ आपसी सैन्य सहयोग पर विस्तार से चर्चा करेंगे। एडमिरल त्रिपाठी अपनी यात्रा के दौरान 4 जुलाई को बांग्लादेश नौसेना अकादमी की पासिंग आउट परेड में भी हिस्सा लेंगे। इसके अलावा भारतीय नौसेना प्रमुख ढाका स्थित बांग्लादेश के नेशनल डिफेंस कॉलेज में अपना संबोधन देंगे। भारतीय नौसेना द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि नौसेना प्रमुख के इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सैन्य संबंधों की प्रगति को लेकर चर्चा की जाएगी। भारत और बांग्लादेश के बीच नौसेना सहयोग पारंपरिक रूप से मजबूत रहा है। दोनों देशों के बीच व्यापक द्विपक्षीय नौसेना युद्धाभ्यास और क्षमता को मजबूत करने के लिए कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं। नौसेना के आधिकारिक बयान में बताया गया है कि भारतीय नौसेना प्रमुख के दौरे के दौरान दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच मजबूत रिश्तों और दोस्ती की प्रगति पर बातचीत की जाएगी। भारत की नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी (Neighbourhood First policy) में बांग्लादेश एक प्रमुख साझेदार है। हाल के वर्षों में भारत और बांग्लादेश के बीच समुद्री सहयोग काफी मजबूत हुआ है। यह भी देखने को मिला है कि दोनों देशों के बीच समुद्री हितों की सुरक्षा की दिशा में संयुक्त रूप से उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इस तरह से दोनों पक्ष एक दूसरे के सहयोग को भली-भांति जानते हैं। सेना से जुड़े एक अधिकारी ने कहा कि ‘सागर’ (SAGAR- Security and Growth for All in the Region) योजना के तहत बांग्लादेश, भारत का भागीदार रहा है। उन्होंने आगे बताया कि ‘सागर’ योजना के तहत दोनों देश भविष्य में आने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे। इसके तहत क्षेत्रीय सुरक्षा और विकास को बढ़ाने का काम किया जाएगा।