बरेली। बरोज़ शनिवार बाद नमाज़े इशा मैदान इस्लामियां इनटर कॉलेज में मनाया जायेगा। 15वीं सदी के मुजददिद हुज़ूर मुफ्ती-ए -आज़म के जशन की तैयारियों पर नवास-ए – हुज़ूर मुफ्ती-ए -आज़म अल्हाज मुहम्मद सिराज रज़ा खान नूरी ने प्रेस वार्ता में उनकी करामात पर रौशनी डालते हुये कहा के हुज़ूर मुफ्ती-ए -आज़म पैदाइशी वली थे। मेरी नज़र में आज तक कोई हुज़ूर मुफ्ती-,-आज़म जैसा मुफ्ती और पीर नहीं गुज़रा। जिनके मुरीदों में आम-खास, अमीर-गरीब और दूसरी मख़लूक़ अजिन्ना भी थे। उन्होने कहा कि आला हज़रत की नयाबत और खिलाफत का जो हक़ अदा किया, उसकी मिसाल खुद व नफसे नफीस आपकी ज़ाते मुबारिका है। आपसा आबिद-ज़ाहिद, पारसा मुत्तक़ी देखने को दुनिया-ए -इस्लाम में ऑखें तरसतीं हैं। ,ऐसा रौशन चिरांग और सिराज-उल-सालिक़ीन नज़र नहीं आता। उन्होनें बताया कि ,क बार आला हज़रत माहरहरा शरीफ तशरीफ ले गये थे के अचानक हज़रत शाह अबुल हुसैन अहमद नूरी मियां आला हज़रत से मुखातिब हुये और खुशखबरी सुनाते हुये फरमाया के आपके घर में बच्चे की विलादत हुई है, यह बच्चा बहुत मुबारक है और फरमाया के मैं इसका का नाम आले रहमान अबुल बरकात मुहिउददीन जीलानी तजवीज़ करता हूँ और मैं जल्द ही बरेली शरीफ आऊॅगा। सुब्हान अल्लाह अहले इरफान कहाँ से कहाँ देखते हैं। 6 महीने का अर्सा गुज़रने के बाद हुज़ूर नूरी मियां साहब बरेली तश रीफ लाये आइनदा के ताज़दार 15वीं सदी के मुजददिद के मुँह में अपना लुआवे दहन डाला और शहद चटाया और 6 महीने की उम्र में मुरीद फरमा कर, खिलाफत और दिगर इजाज़त अता कर दी। खानदानी रुहानी फैज़ से हुज़ूर मुफ्ती आज़म को सरापा नूरी बना दिया। मैं दुआ करता हूॅ कि अल्लाह तआला अपने हबीब के सदक़े में हज़रत अली, गौसे आज़म, ख्वाजा आज़म और आला हज़रत का फैज़ ज़ारी फरमाकर, हम सब औलादों, मुरीदों, आ’शिकों और सुन्नी मुसलमानों को उनके नकशे क़दम पर चलने की तौफ़ीक़ो रफीक़ अता फरमायें। हज फॉर्म पर बिना फोटो लगाए भारत सरकार और मुम्बई हज कमेटी ने दी हज जाने की मन्जूरी – सन 1971 में हुजूर मुफ्ती-ए -आज़म हिन्द जब तीसरे हज के लिये जा रहे थे तब भारत सरकार और मुम्बई हज कमेटी मुम्बई (दि मुगल लाईन्स लि0) }द्वारा हज़रत को बिना फोटो के हज पर जाने की अनुमति प्रदान की। कमेटी- मुफ्ती मो0 फैज़ रज़ा, सै हाशमी सिराजी, सईद नूरी, रिसाल नूरी, डा परवेज नूरी, इकरार नूरी, कामिल बेग , मुनव्वर हुसैन, सलीम अज़हरी, शारिक बुखारी, तसनीम रज़ा आदि हैं।