बरेली। श्रीराम मूर्ति स्मारक रिद्धिमा में रविवार को रिद्धिमा के वाद्ययंत्रों के गुरुओं और उनके विद्यार्थियों ने रागों के अंग “रागांग” कार्यक्रम में पूर्व और पश्चिम के संगीत का मेल कराया और इसकी जुगलबंदी से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम का आगाज राग यमन से हुआ। सितार, सारंगी, वायलन, गिटार और बांसुरी जैसे वाद्ययंत्रों से विद्यार्थियों और उनके गुरुओं ने प्रस्तुत किया। इसके बादकी बोर्ड, पियानो, सेक्सोफोन, कांगो, वायलिन, ड्रम जैसे पश्चिमी वाद्ययंत्रों के माध्यम से हाई फ्रेज लेकर विद्यार्थी और गुरु मंच पर आए। गिटार, बांसुरी और तबले के विद्यार्थियों ने राग खमाज को अपने निराले अंदाज में प्रस्तुत किया। कीबोर्ड गुरु आशीष सिंह ने रोनी फिलिप्स (सेक्सोफोन), सूर्यकांत चौधरी (वायलिन), प्रियांशु मैसी (ड्रम) और सुरेंद्र (कांगो) की संगत में अपनी कंपोजीशन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया। अंत में पश्चिमी और पूर्वी वाद्ययंत्रों फ्यूजन में राग किरवानी को प्रस्तुत किया। “रागांग” में गुरु उमेश मिश्रा (सारंगी), कुंवर पाल (सितार), सुमन बिस्वास (मृदंगम), टुकु मनी सेन (हारमोनियम), अमर नाथ (तबला), सूरज पांडेय (बांसुरी), हिमांश चंद्र (गिटार) और वाद्ययंत्रों के विद्यार्थी बीना गुलाटी, नंदिता पाठक, मंतिका अरोरा, रिदित अग्रवाल, शितिज अग्रवाल, अथर्व पाठक शर्मा, लक्ष्य विंदल, अनन्य कृष्ण, आयांश अग्रवाल, अमन कुमार, प्रत्याक्षा कपूर ने अपने अपने वाद्ययंत्रों के साथ अच्छी संगत की। इस मौके पर एसआरएमएस ट्रस्ट के संस्थापक व चेयरमैन देव मूर्ति , आशा मूर्ति , डा. रजनी अग्रवाल, सुभाष मेहरा, डा. अनुज कुमार, सहित शहर के गणमान्य लोग मौजूद रहे।