इलेक्टोरल बांड आजाद भारत का सबसे बड़ा चुनावी चंदा घोटाला

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बदायूँ। राष्ट्रीय आवाहन पर एव प्रदेश कांग्रेस के आवाह्न पर जिला कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष ओमकार सिंह एवं शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष असरार अहमद के संयुक्त नेतृत्व में परशुराम चौक स्थित जिला कांग्रेस कार्यालय पर पत्रकार वार्ता आयोजित की गई। पत्रकारवार्ता में अपने संबोधन में जिलाध्यक्ष ओमकार सिंह ने कहा कि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि मोदी सरकार ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (एआईसीसी) एव कांग्रेस के विभिन्न फ्रंटलों के सभी खातों को फ्रीज कर दिया है, जो कि सत्तारूढ़ सरकार का पूरी तरह से गुंडा राज है। जिसको लेकर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के आवाह्न पर एव प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देशानुसार आज ये पीसी आयोजित की गई है ।ओमकार सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी द्वारा 02 जनवरी 2018 से अधिसूचित इलेक्टोरल बांड योजना आजाद भारत में चुनावी चंदे की सबसे बड़ी भ्रष्ट योजना बन गई है। भाजपा द्वारा सफेद तरीके से काला धन एकत्र करने की एक अपारदर्शी योजना बनाई गई। जो सरकारी शक्ति के दुरूपयोग का एक नायाब नमूना बन गई है। 15 फरवरी 2024 को सर्वोच्च न्यायालय के पांच न्यायमूर्तियों की एक पीठ ने इस योजना को एक मत से असंवैधानिक करार देते हुए खारिज कर दिया । कांग्रेस पार्टी ने शुरू से ही इस चंदे के काले धंधे का विरोध किया था, हमने बार-बार कहा कि यह योजना भाजपा सिर्फ अपने फायदे के लिए और चुनावी चंदे में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने के लिए ला रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस योजना को खारिज करने के बाद कांग्रेस पार्टी का मत सत्य साबित हुआ। सुप्रीम कोर्ट ने इस योजना पर ताला लगाकर यह सिद्ध कर दिया कि भाजपा चोर दरवाजे से चंदे के धंधे का काला खेल कर रही थी। यही नहीं मोदी सरकार एसबीआई को कोर्ट के आदेश के बाद भी इलेक्टोलरल बांड से सम्बन्धित सूचना को साझा करने से रोक रही थी। सरकार सारी सूचना को आगामी 30 जून तक यानी चुनाव सम्पन्न होने तक छुपाने का प्रयत्न कर रही थी लेकिन कोर्ट के दबाव के बाद जब एसबीआई को इलेक्टोरल बाण्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करनी पड़ी तो भाजपा की चार भष्ट नीतियां उजागर हुई।चंदा दो धंधा लो – ऐसी कई कंपनियों के मामले हैं जिन्होंने इलेक्टोरल बांड दान किया और उसके तुरन्त बाद उन्हें सरकार से भारी लाभ प्राप्त हुआ । उदाहरण के तौर पर मेधा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रा ने अप्रैल 2023 में, 140 करोड़ डोनेट किया और ठीक एक महीने बाद, उन्हें 14,400 करोड़ रुपए की ठाणे-बोरीवली ट्विन टनल प्रोजेक्ट मिल गया । इन्फ्रास्टैक्चर से जुड़ी कई कंपनियों ने भारी मात्रा में चंदा दिया है और उसके बाद उन्हें प्रोजेक्टस मिले हैं। पिछले कुछ वर्षों में चंदा दो धंधा लो की तर्ज पर दिये गये कई बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्टस में घटिया निर्माण सामग्री हाने के कई मामले सामने आए हैं। गुजरात के मोरबी का झूला ब्रिज इसका एक ज्वलंत उदाहरण है जिसके टूटने से सैकड़ों लोगों की मृत्यु हो गई थी। सवाल क्या चुनावी बांड दान कर हासिल किये गये इन प्रोजेक्टस में घटिया निर्माण सामाग्री के इस्तेमाल से भारतीयों की जान जोखिम में डाली गई है? फार्मा कंपनियों द्वारा चुनावी बांड देकर खराब दवाईयों को बनाने और निर्यात करने की अनुमति प्रदान की गई । क्या भारत के दवा नियामकों ने चुनावी बांड के बदले खराब दवाओं को बाजार में लाने की अनुमति दी है?हफ़्ता वसूली – भाजपा की हफ्ता वसूली नीति बेहद सरल है ईडी/सीबीआई / आईटी के माध्यम से किसी कंपनी पर छापा मारो और फिर कंपनी की सुरक्षा के लिए हफ़्ता (“दान”) मांगो। सवाल उदाहरण के तौर पर फ्यूचर गेमिंग एंड होटल्स पर 2 अप्रैल 2022 को ईडी ने छापा मारा, और 5 दिन बाद ( 7 अप्रैल) को उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में 100 करोड़ रुपए का दान दिया। अक्टूबर 2023 आईटी विभाग ने उसी कंपनी पर छापा मारा, और उसी महीने उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड में 65 करोड़ रुपए का दान दिया । इन्कम टैक्स विभाग ने दिसंबर 23 में शिरडी साई इलेक्ट्रिल्स पर छापा मारा और जनवरी 2024 में कंपनी ने इलेक्टोरल बांड के माध्यम से 40 करोड़ रूपये का दान दिया ।क्या सरकार ने संवैधानिक संस्थाओं का दुरूपयोग कर चुनावी चंदा एकत्रित किया है? क्या सरकार ने उद्योपति और व्यापारियों में डर पैदा कर उनसे चुनावी चंदा लिया है?रिश्वत लेने का नया तरीका – आंकड़ों से एक पैटर्न उभरता है, जिसमें केंद्र सरकार से कुछ मदद मिलने के तुरंत बाद कंपनियों ने चुनावी बांड के माध्यम से एहसान चुकाया है। उदाहरण के तौर पर वेदांता को 3 मार्च 2021 को राधिकापुर पश्चिम प्राइवेट कोयला खदान मिला, और फिर अप्रैल 2021 में उन्होंने चुनावी बांड में 25 करोड़ रुपए का दान दिया । सवाल क्या मोदी सरकार ने कुछ खास उद्योगपति घरानों को नाजायज लाभ दिया है?क्या सरकार ने अपनी भ्रष्ट नीतियों से भारत का आर्थिक माहौल खराब किया है?फर्जी कंपनियों के माध्यम से चंदा वसूली – इलेक्टोरल बांड योजना आने के बाद यह देखने में आया कि बहुत सारी फर्जी कंपनियों का पंजीकरण सिर्फ और सिर्फ भाजपा को चुनावी चंदा देने के लिए कराया गया है। 2018 के बाद कम से कम 43 ऐसी कंपनियां स्थापित हुईं जिन्होंने अपनी स्थापना के कुछ ही महीनों के भीतर इलेक्टोरल बांड खरीदे। इनमें से कई ऐसी कंपनियां हैं जिन्होंने अपनी शेयर वैल्यू के कई गुना अधिक चंदा दान किया है। सवालउदाहरण के तौर पर क्विक सप्लाई चेन लिमिटेड की मालियत 130 करोड़ रूपये है और इस कंपनी ने 410 करोड़ रूपये चुनावी चंदा दिया है । अप्रैल 2019 में, लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली स्थित हब पांवर नामक कंपनी ने चुनावी बांड के माध्यम से 95 लाख का दान दिया । दिल्ली सरकार के जीएसटी विभाग ने स्वीकार किया कि हब पॉवरएक फर्जी कंपनी थी जिसे कथित तौर पर धोखा धड़ी करने के लिए स्थापित किया गया था। फर्जी कंपनियों के खिलाफ अभियान छेड़ने का दावा करने वाले मोदीजी क्या फर्जी कंपनियों के माध्यम से चुनावी चंदा लेते हैं? मोदी जी ना खाऊंगा ना खाने दूंगा, मगर चुनावी इलेक्टोरल बांड घोटाल के बाद उनका यह जुमला दिखावटी साबित हुआ। असल में मोदी राज में भाजपा ने 10 सालों में खूब खाया और अपने लोगों को खिलाया । इलेक्टोरल बांड घोटाले के बाद भाजपा पूरी तरह से बेनकाब हो चुकी है, इनके चेहरों पर चढ़ा मुखौटा उतर गया है और साथ यह सिद्ध हो गया है आजाद भारत की यह सबसे भ्रष्ट सरकार साबित हुई है। जनता अब इन्हें वोट की चोट से सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाने का काम करेगी। इस अवसर पर शहर कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष असरार अहमद ने कहा कि आप सब लोगों का बहुत-बहुत स्वागत है। अभी हमारे कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्षा ने आप लोगों को बताया कि लोकतंत्र के ऊपर किस प्रकार काखतरा मंडरा रहा है, किस प्रकार से कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों के ऊपर हमला हुआ और ये कोशिश की जा रही है कि फाइनेंशियली कांग्रेस पार्टी को पंगू बना दिया जाए। ये केवल कांग्रेस पार्टी के खातों पर नरेंद्र मोदी सरकार का हमला नहीं है, बल्कि भारत के लोकतंत्र पर हमला है। अगर प्रमुख विपक्षी पार्टी वित्तीय तौर पर पूरी तरीके से पंगू हो जाए, कोई कार्य नहीं कर सके, पब्लिसिटी के ऊपर पैसा नहीं खर्च कर सके, कैंपेन के ऊपर पैसा नहीं खर्च कर सके, अपने कैंडिडेट को पैसे नहीं दे सके, तो फिर चुनाव किस बात का है और चुनाव की घोषणा हो चुकी है पिछले एक महीने से हमारे अपने बैंक अकाउंट्स में पड़े हुए 285 करोड़ रुपए का हम इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं। हम लोगों को पब्लिसिटी के लिए अखबारों के अंदर स्लॉट बुक करने है। हम लोगों को पब्लिसिटी के लिए इलेक्ट्रॉनिक मीडियाके अंदर स्लॉट बुक करने हैं। हमें सोशल मीडिया के अंदर इस्तेमाल करना है। हमें पोस्टरछपवाने हैं, हमें पैम्फ्लेट छपवाने हैं। अगर हम लोग वो काम भी नहीं कर सकते, तो किस प्रकार से लोकतंत्र जिंदा रहेगा और कैसा लोकतंत्र है ये।मैंने पिछले सप्ताह आप सब लोगों के सम्मुख मोती लाल वोरा जी के समय 2017-18 के एक केस को लेकर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 2017-18 के बेसिस के ऊपर सात साल बादमें जाकर हमारे बैंक के खाते अब जाकर फ्रीज किए हैं, उसकी जानकारी दी। मैंने कहा कि ये सात साल पुराने कैसे फ्रीज किए जा सकते हैं और टाइमिंग इसका कैसा है। लेकिन अभी मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि पिछले हफ्ते ये नोटिस हम लोगों के पास आया है, इसकी कॉपी आप सब लोगों को मिल गई है, आप सब लोगों के आगे ही है आप लोग जरा देखिए कि ये सीताराम केसरी जी के जमाने का नोटिस हमें पिछले हफ्ते आया है। आप सोचें, सीताराम केसरी जी के जमाने का 1994-95 के असेसमेंट ईयर का नोटिस अब हमारे पास आया है और इसको लेकर भी आगे आने वाले समय के अंदर फिर ये बैंक अकाउंट को फ्रीज करने का और डिमांड लगाने की ये कवायत शुरू होगी। तो ये कौन सा लोकतंत्र है। अगर इसी रफ्तार से जाएंगे, तो महात्मा गांधी जी के समय में जमनालाल बजाज जी जब ट्रेजरार हुआ करते थे, उस टाइम की भी कोई चीज निकाल कर इस वक्त चुनाव से पहले हमारे अकाउंट्स को फ्रीज किया जाएगा। तो ये किस चीज का लोकतंत्र है। 30 साल पुराना, 31 साल पुराना असेसमेंट ईयर का हिसाब निकाल कर हमारे खाते फ्रीज किए जा रहे हैं ताकि हम लोग चुनाव ही ना लड़ पाएं।

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हम लोगों के पास में मुख्यतः तीन बातें हैं कहने की। हर पॉलिटिकल पार्टी इनकम टैक्स से एग्जेंप्ट होती है। कभी किसी ने भी पैनेल्टी इस तरह से नहीं दी, तो कांग्रेस पार्टी को अकेले क्यों चुना जा रहा है? दूसरा, इसकी टाइमिंग देखिए, 2017-18 का, मोती लाल वोरा जी के टाइम का और 1994-95 का, सीताराम केसरी जी का समय और केवल एक महीना पहले, चुनाव के घोषणा होने से पहले ये काम शुरू किया जाता है और तीसरा, क्वांटम ऑफ पनिशमेंट देखिए कि कितना बड़ा पनिशमेंट, क्या हमारा सिर्फ 0.07 प्रतिशत पूरा 199 करोड़का कैश में, हमारे अपने एमपी ने अपनी तनख्वाह दी। उसकी वजह से 0.07 प्रतिशत की अनियमितता की वजह से 106 प्रतिशत की पैनेल्टी हमारे ऊपर लगाई गई है, 106 प्रतिशतकी। कितना 0.07 प्रतिशत की अनियमितता की वजह से 106 प्रतिशत की पैनेल्टी हमलोगों के ऊपर लगाई गई है, ये क्वांटम है।हम लोगों ने मात्र 30 दिन लेट अपने अकाउंट सब्मिट किए। ये इनकम टैक्स एक्ट मेरेपास है। इसका सेक्शन 234 एफ ये कहता है कि सिर्फ 10 हजार रुपए की मैक्सिमम पैनल्टी ली जा सकती है, अगर कोई भी ऑर्गनाइजेशन या व्यक्ति लेट अपना इनकम टैक्स सब्मिट करे, केवल 10 हजार रुपए और हमारे ऊपर 210 करोड़ रुपए का 210.25 करोड़ का लीएन मार्क कर दिया गया है। 10 हजार की सिर्फ पैनेल्टी, सिर्फ 07 प्रतिशत का हमारे टोटल अकाउंट में से कैश केवल अंदर लिया गया है, ये कहाँ का न्याय है। 115 करोड़ रुपएफोर्सफुली हमारे बैंक अकाउंट से इनकम टैक्स ऑफिसर ने बैंक मैनेजर के पास जाकर सरकार को ट्रांसफर करा दिया। वो अब हमारे पास नहीं है। 115 करोड़ रुपए बैंक मैनेजर को जाकर एक तरीके से डराकर धमकाकर इनकम टैक्स ऑफिसर ने हमारे अकाउंट्स से इनकम टैक्स डिपार्टमेंट और सरकार को ट्रांसफर करा दिया।मैंने बताया जैसे पिछले पांच हफ्ते से, एक महीने से भी ज्यादा हम अपने पैसे जो हमारे वर्कर ने इकट्ठे किए हैं, वो हम इसका उसका इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं, ये कहाँ की डेमोक्रेसी है, ये कहाँ का लोकतंत्र रह गया है? तो इसलिए हम आपसे कहना चाहते हैं कि ये केवल हम लोग तो अपनी लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन ये आप लोगों की भी लड़ाई है, मीडिया की भी लड़ाई है, देश की जनता की लड़ाई है। अगर आप इसके अंदर हमें समर्थन नहीं करेंगे तो लोकतंत्र जिंदा नहीं रहेगा, ना आप रहेंगे, ना हम रहेंगे। हमारा टोटल जो है 14 लाख 40 हजार बनता है, जो 0.07 प्रतिशत है। तो सिर्फ 14 लाख 40 हजार जो हमारा 0.07 प्रतिशत है, उसकी वजह से हमारे ऊपर 210 करोड़ रुपए से भी अधिक का हमारे ऊपर लीएन मार्क करके हमें पैनेल्टी लगाई गई है। तो आप सोचिए 14 लाख 40 हजार के बदले 210 करोड़रुपए की पैनेल्टी हमारे ऊपर लगाई गई है, ये कहाँ का लोकतंत्र है? इस अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष प्रवक्ता प्रदीप सिंह एडवोकेट जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष गौरव सिंह राठौर जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव इगलास हुसैन जिला कांग्रेस कमेटी के सचिव अनिल पाठक जी शहर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष रफत खान, शहर कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष अकील अहमद ,सेवादल युवा कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष शफी अहमद प्रेस कॉन्फ्रेंस प्रेस वार्ता में उपस्थित रहे, संचालन जिला उपाध्यक्ष प्रवक्ता प्रदीप सिंह ने किया।

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