लखनऊ। पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की कंपनी गंगोत्री इंटरप्राइजेज की 30.86 करोड़ रुपये की संपत्तियों को ईडी ने सोमवार को जब्त कर लिया। ईडी ने बैंकों का 754 करोड़ रुपये हड़पने के मामले में यह कार्रवाई की है। ईडी ने लखनऊ, नोएडा और गोरखपुर में 12 चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया है, जो इस मामले की मुख्य आरोपी रीता तिवारी, गंगोत्री एंटरप्राइजेज, रॉयल एम्पायर मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड, कंदर्प कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर पंजीकृत हैं। बता दें कि रीता तिवारी पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी की पत्नी हैं। ईडी के मुताबिक जब्त संपत्तियां गंगोत्री इंटरप्राइजेज के निदेशकों, प्रमोटर, गारंटर ने आपसी मिलीभगत कर बैंकों द्वारा दी गयी 754 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट को धोखाधड़ी करके हड़प लिया था। इनमें विनय शंकर तिवारी, रीता तिवारी, अजीत कुमार पांडेय की मुख्य भूमिका सामने आई। जिसके बाद उनकी तीन शहरों की वाणिज्यिक, आवासीय और कृषि भूमि को जब्त किया गया है। दरअसल, बैंकों की शिकायत पर सीबीआई ने इस मामले का केस दर्ज किया था, जिसके आधार पर ईडी ने भी सीबीआई की एफआईआर में नामजद आरोपियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग का केस दर्ज कर जांच शुरू की थी।जांच में सामने आया कि बैंक ऑफ इंडिया के नेतृत्व वाले सात बैंकों के कंर्सोटियम से गंगोत्री इंटरप्राइजेज ने 1129.44 करोड़ रुपये की कैश क्रेडिट लिमिट ली थी। बाद में इसे गंगोत्री इंटरप्राइजेज की सहयोगी कंपनियों में डायवर्ट करके निजी संपत्तियों को खरीदा गया। ईडी ने इस मामले में ईडी ने बीती 23 फरवरी को विनय शंकर तिवारी और उनके करीबियों के 10 ठिकानों पर छापा मारा था, जहां बैंकों की रकम से खरीदी गई तमाम संपत्तियों के दस्तावेज बरामद हुए थे। बता दें कि इस मामले में ईडी विनय शंकर तिवारी और उनके करीबियों की करीब 103 करोड़ रुपये की संपत्तियों को जब्त कर चुका है।