खुद की खातिर जीते थे, अब देश पे मरना सीख गए,मुमुक्षु महोत्सव में हुआ कवि सम्मेलन
शाहजहांपुर। ,मुमुक्षु आश्रम में चल रहे मुमुक्षु महोत्सव-2024 के अन्तिम दिन शानदार कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें काव्य के विभिन्न रसों की ऐसी फुहारें पड़ीं कि श्रोता भावविभोर हो गए। कवि सम्मेलन का शुभारंभ मेरठ से पधारीं अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कवयित्री डॉ अनामिका जैन अम्बर ने माँ सरस्वती की वन्दना के बाद अपनी रचनाओं से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस दौरान उन्होंने अपनी चर्चित रचना ‘यूपी में बाबा’ के साथ अन्य रचनाएं भी प्रस्तुत कर खूब तालियाँ बटोरीं। उन्होंने सुनाया- खुद की खातिर जीते थे, अब देश पे मरना सीख गए। मझधारों में कफन बांधकर, लोग उतारना सीख गए। कल तक जुगनू तक भी हमको, धमका देते थे पर अब, हम सूरज से आंख मिलाकर, बातें करना सीख गए। कानपुर से आये वरिष्ठ गीतकार डॉ राधेश्याम मिश्र ने कुछ यूं सुनाया- जिसका लक्ष्य बड़ा होता है। आगे वही खड़ा होता है।
होती जय जयकार उसी की,जो रणभूमि लड़ा होता है।।कवि सम्मेलन का शानदार संचालन करते हुए मेरठ की क्रान्ति धरा से पधारे क्रान्ति कवि सौरभ जैन सुमन ने सुनाया-ज्ञानवापी से, क़ुतुब से, ताज से, भावभीनी अब विदाई चाहता है। जानता है सत्य शायद इसलिए, अब खुदा भी बस खुदाई चाहता है।। अमीर खुसरो की सरज़मी पटियाली से पधारे शरदकान्त मिश्र ‘लंकेश’ ने माँ को ऐसे नमन किया-इस धरती से उस अम्बर तक, मां का रूप निराला है। सर से लेकर पाँव तलक वो, रत्न जड़ी एक माला है।।बरेली से आये ओज के रचनाकार कमलकान्त तिवारी ने देशभक्ति की भावनाओं का संचार करते हुए सुनाया- माँ भारती के शीश को कटने नहीं देंगे।। मजहब के नाम देश को, बंटने नहीं देंगे।। संयोजक कवि डॉ इन्दु अजनबी ने सुनाया-पंख लग जाएं तेरी आशा को, यह दुआ बार-बार करता हूँ। तुम जो चाहो वही करो बेशक,मैं तुम्हें सिर्फ प्यार करता हूँ।
। खचाखच भरे सभागार में कवि सम्मेलन का शुभारंभ उद्योगपति सुरेश सिंघल व अनामिका जैन अंबर ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण व समक्ष दीप प्रज्ज्वलन कर किया। एस एस कालेज के प्राचार्य डा. आर के आजाद, डा. अनुराग अग्रवाल, डा. कविता भटनागर, डा. बरखा सक्सेना व ईशपाल सिंह ने सभी रचनाकारों का अंग वस्त्र भेंटकर अभिनन्दन किया ।
इस मौके पर मुमुक्षु शिक्षा संकुल के अधिष्ठाता व पूर्व केन्द्रीय गृहराज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद, एसएस कॉलेज के सचिव डा. अवनीश मिश्रा,ओम सिंह अशोक अग्रवाल ( विद्या) , सुयश सिन्हा,डॉ अमीर सिंह यादव, डॉ आलोक सिंह, डॉ कविता भटनागर, डॉ प्रभात शुक्ल, डॉ आदर्श पाण्डेय, डॉ प्रतिभा सक्सेना, डॉ शिशिर शुक्ला, डा. प्रांजल शाही, रामनिवास गुप्ता,एस पी डबराल,समेत अनेक गणमान्य लोग और भारी संख्या में श्रोताउपस्थित रहे।