राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का कर्तव्य बोध दिवस कार्यक्रम एवं शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया

बदायूँ। राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ द्वारा कर्तव्य बोध दिवस कार्यक्रम एवं शैक्षिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ सादर विधायक महेश चंद्र गुप्ता द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया दीपमाला गोयल द्वारा मां सरस्वती का माल्यार्पण किया गया। विशिष्ट अतिथि डॉ. संघमित्रा मौर्य द्वारा शिक्षक की समाज में भूमिका पर प्रकाश डाला, सांसद ने कहा शैक्षिक संगोष्ठी (कर्त्तव्य बोध दिवस) मनाने का मुख्य उद्देश्य न केवल शिक्षकों को जागरूक करना है, बल्कि पूरे समाज को अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूक करना है। विद्यार्थी, शिक्षा, समाज और राष्ट्र के प्रति अपनी निष्ठा को बनाए रखना है।

राजीव गुप्ता जिला अध्यक्ष भाजपा ने कहा कि ,यदि मनुष्य भी केवल अपने लिए जिए, तो उसमें और पशु में कोई अंतर नहीं। कर्तव्य-बोध हमें दूसरों के लिए जीना सिखाता है। अधिकार-बोध यदि स्वार्थ का द्योतक है, तो कर्तव्य बोध नि:स्वार्थता का। मैसूर के महाराजा के पत्र के उत्तर में स्वामी विवेकानंद ने जो लिखा था, उसकी कुछ पंक्तियां यों हैं- ‘मनुष्य अल्पायु है और संसार की सब वस्तुएं वृथा तथा क्षणभंगुर हैं, पर वे ही जीवित हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं, शेष सब तो जीवित की अपेक्षा मृत ही अधिक हैं।’कर्तव्य-बोध परिवार, समाज और देश को टूटकर बिखरने से बचाता है। जिस परिवार, जिस समाज और जिस देश में जितनी संख्या में ऐसे कर्तव्यबोध से भरे हुए मनुष्य होते हैं, वह परिवार, वह समाज और वह देश उतनी मात्रा में बलवान, सम्पन्न और सुदृढ़ होता है। महेश चंद्र गुप्ता सदर विधायक , दीपमाला गोयल पूर्व नगर पालिका अध्यक्षा ने सभी ने कर्तव्य बोध दिवस पर अपने अपने विचार रखे। कार्यक्रम की अध्यक्षता दीपमाला गोयल ने कहा कि नैतिक मूल्यों से मजबूत हुए बिना कर्तव्य बोध नहीं हो सकता है। एक शिक्षक का कर्तव्य केवल अक्षर ज्ञान देने तक सीमित नहीं है। उसकी जिम्मेदारी एक प्रतिभा सम्पन्न नागरिक के निर्माण की है।इसलिए शिक्षक को कानूनी व तकनीकी जटिलताओं मे नहीं फंसाना चाहिए। सरकार और समाज दोनों की जिम्मेदारी है कि वह शिक्षकों के कर्तव्य पालन मे सहयोगी बने। उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन करने पर जोर देते हुए कहा कि राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ सभी संगठनों से अलग संगठन है, इसमें केवल अपने अधिकारों पर ही नही कर्तव्यों पर जोर दिया जाता हैं। उन्होने शिक्षकों से अपने विद्यालय को सबसे बेहतर बनाने पर जोर दिया गई। जिन्होंने विस्तार से बताया कि शिक्षको को अपने कर्तव्य कैसे निभाने चाहिए। कार्यक्रम में बीएसए के माध्यम से प्रति ब्लॉक 5 तथा जिले के कुल 75 शिक्षकों तथा राष्ट्रपति पुरुस्कार प्राप्त शिक्षक कुंवरसेन जी , जुगल किशोर , संगीता शर्मा तथा राज्य पुरस्कार प्राप्त शिक्षक सीमा राजन, मनीष कुमार, प्रवीण कुमार , राजीव भटनागर, इसके अतिरिक्त प्रदेश पर प्रतिनिधत्व कर चुकी आयुशी परासरी आदि सभी को सम्मानित किया गया। समस्त विकास खण्डो के खंड शिक्षा अधिकारी भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रदीप भदौरिया द्वारा किया गया।

कार्यक्रम में सरस्वती वंदना की बहुत सुंदर प्रस्तुति जूनियर हाई स्कूल विनाबर के बच्चों द्वारा दी गई।प्राथमिक विद्यालय आलमपुर के बच्चो ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया।जिला संयोजक दुष्यंत रघुवंशी द्वारा समस्त अतिथियों एवं शिक्षको को धन्यवाद प्रेषित किया गया।वही जिला सहसंयोजक प्रदीप कुमार द्वारा बताया गया प्रदेश नेतृत्व द्वारा प्राप्त निर्देशो के अनुरूप आगे भी ऐसे कार्यक्रम संग़ठन द्वारा कराये जाएंगे ।जिला सहसंयोजक सोनी गुप्ता द्वारा संग़ठन के इतिहास के बारे में विस्तार से समझाकर संग़ठन से जुड़ने के लिए प्रेरित किया गया। इस कार्यक्रम में सैकड़ो शिक्षको ने प्रतिभाग किया। एवं समस्त ब्लॉकों के ब्लॉक कार्यकारिणी का इस प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए विशेष सहयोग रहा।