लखनऊ। जल निगम द्वारा अयोजित दो दिवसीय वाटर कांक्लेव के अंतिम दिन बुधवार को मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्रा ने कहा कि अमृत 2.0 योजना के तहत प्रदेश में 43 लाख से अधिक घरों में पेयजल आपूति के कनेक्शन दिए जाएंगे। इसके अलावा सीवर निस्तारण को लेकर पांच लाख घरों को सीवर कनेक्शन भी दिए जाएंगे। इस मौके पर प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात भी मौजूद रहे।इस मौक पर मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि पेयजल योजनाओं में नई तकनीक अपनाई जाएं और जल संरक्षण को बढ़ावा दिया जाए। उसके लिए रियूज्ड वाटर के उपयेाग को बढ़ावा देने को कहा। उन्होंने बताया कि अमृत 2.0 योजना के तहत अब तक 10 लाख से अधिक घरों में पेयजल कनेक्शन दिए जा चुके हैं। जल संरक्षण को लेकर झील, तालाब को विकसित किया जाएगा। जिसके लिए अमृत सरोवर योजना चल रही है। उसके उसके तहत 166 अमृत सरोवरों का पुनरुद्घार करने की मंजूरी शासन ने दे दी है। इस अवसर पर प्रदर्शनी का भी लगाई गई। जिसमें कई कंपनियों स्टाल लगाकर तकनीकी उपकरणों की जानकारी दी।काॅन्क्लेव में प्रदेश के विभिन्न जनपदों के 300 से अधिक लोग शामिल हुए। जिनमें इंजीनियर, पेयजल योजना विशेषज्ञ, कंपनियों के प्रतिनिधि प्रमुख हैं। इस दौरान में 24×7 जलापूर्ति, जल शोधन की उन्नत प्रौद्योगिकी, नॉन रेवेन्यू वॉटर, पीपीपी, म्यूनिसिपल बाँड, स्मार्ट जल प्रबंधन व जन भागिदारी जैसे क्षेत्रों व विषयों के संबंध में विशेषज्ञों द्वारा ने जानकारी दी और अनुभव भी साझा किए। इस मौके पर सचिव नगर विकास अजय कुमार शुक्ला, प्रबन्ध निदेशक यूपी जल निगम (नगरीय) राकेश कुमार मिश्रा, विशेष सचिव नगर विकास एवं संयुक्त प्रबन्ध निदेशक यूपी जल निगम (नगरीय) अमित कुमार सिंह प्रमुख रूप से मौजूद रहे।राम मंदिर क्षेत्र अयोध्या धाम के साथ ही पूरी अयोध्या में 24 घंटे पेयजल आपूर्ति की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए अमृत मिशन-2.0 योजना में इस प्रोजेक्ट पर काम 370 करोड़ रुपये खर्च होंगे। काम दो चरणों में पूरा किया जाएगा। आपूति के लिए कच्चा पानी सरयू नदी से लिया जाएगा। उसके लिए 100 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाया जाएगा। दो साल में यह योजना पूरी होगी और हर घर तक नल से जल पहुंचने लगेगा। यह प्रोजेक्ट उड़ीसा के पुरी मॉडल पर बनाया जाएगा। यह जानकारी बुधवार को मुख्य सचिव दुर्गाशांकर मिश्रा ने अमृत मिशन-2.0 योजना के तहत आयोजित दो दिवसीय वाटर कांक्लेव के दूसरे दिन दी।