बेकाबू भीड़ ने थाना पुलिस पर किया पथराव, इंस्पेक्टर और सिपाही घायल जानें क्यों भड़का आक्रोश
कासगंज। उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले के अमांपुर थाने में पुलिस अभिरक्षा में कोतवाली में छह दिन से बंद युवक ने थाने के महिला शौचालय में मफलर से फांसी का फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की। युवक को पुलिस ने शौचालय का दरवाजा तोड़कर बाहर निकाला और स्थानीय चिकित्सा ले गए जहां से उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया। जिला अस्पताल से उसे अलीगढ़ रेफर कर दिया गया। युवक के आत्महत्या के प्रयास की सूचना की जानकारी परिजनों और गांव के लोगों को मिली तो आक्रोश ने बवाल का रूप ले लिया। पुलिस कर्मियों से ग्रामीणों की नोंकझोंक हुई। पथराव हुआ और पुलिस ने लाठीचार्ज कर आक्रोशितों को दौड़ा दिया। लाठीचार्ज होते ही थाने का घेराव कर रहे और जाम लगा रहे लोग तितर बितर हो गए। जानकारी के मुताबिक अमांपुर थाना पुलिस ने युवक गौरव (20) पुत्र रघुराज निवासी ग्राम रसलुआ सुलहपुर को 3 फरवरी को हिरासत में लिया था। युवक को पुलिस ने एक नाबालिग के अगवा होने के मामले में हिरासत में लिया था। 2 फरवरी को नाबालिग के पिता ने थाने में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज कराया था और युवक पर शक जाहिर किया था। पुलिस ने दो दिन बाद नाबालिग को बरामद कर लिया और नाबालिग ने बयान में युवक का नाम लिया था, लेकिन पुलिस ने उसके विरुद्ध कोई कार्रवाई नहीं की और युवक को हिरासत में बनाए रखा। जब युवक को इस बात का एहसास हो गया कि वह इस मामले में जेल जाएगा तो उसने शुक्रवार को सुबह करीब 9 बजे के आस पास शौचालय में जाकर अपने ही मफलर से जंगले में फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की। युवक जब आधा घंटे तक बाहर नहीं निकला तो पुलिस कर्मियों ने उसे फंदा लगा होने की स्थिति में देखा। पुलिसकर्मियों ने शौचालय का गेट तोड़कर युवक को बाहर निकाला और उसे अमांपुर के अस्पताल ले गए। जहां स्थिति को देखते हुए चिकित्सकों ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल से चिकित्सकों ने उसे तत्काल मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। युवक की स्थिति गंभीर बनी हुई थी। युवक की गंभीर स्थिति देखते हुए परिजनों और ग्रामीणों में आक्रोश पनप गया। आक्रोशितों ने थाने का घेराव कर जाम लगा दिया। एक घंटे से अधिक समय तक जाम लगा रहा और लोग पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते रहे। इस दौरान आक्रोशितों ने थाने के अंदर लगे लोहे के गेट को तोड़ने की कोशिश की। पुलिसकर्मियों से नोंकझोंक हुई और इसी बीच पत्थरबाजी शुरू हो गई। 10 से 15 मिनट तक पत्थरबाजी हुई। जिसमें बेकाबू आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने लाठीचार्ज कर आक्रोशितों और भीड़ को थाना परिसर और मार्ग से खदेड़ दिया। पथराव और लाठी चार्ज में इंस्पेक्टर क्राइम वीपी गिरी, सिपाही अनस पत्थर लगने से चोटिल हुए। इसके अलावा लाठीचार्ज में कई ग्रामीण भी चुटैल हो गए। लाठी चार्ज के दौरान कई लोग सड़क पर गिरने से चुटैल भी हुए। पुलिस हिरासत में युवक के द्वारा आत्महत्या करने की कोशिश की गई। मामले में एसपी अपर्णा रजत कौशिक ने इंस्पेक्टर यतींद्र प्रताप एवं मामले की विवेचना कर रहे गयाप्रसाद को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। मामले की प्रारंभिक जांच अपर पुलिस अधीक्षक जितेंद्र कुमार दुबे को सौंपी गई है। एसपी अपर्णा रजत कौशिक ने बताया कि नाबालिग किशोरी के मामले में पुलिस हिरासत में लिए युवक ने शौचालय में मफलर से जंगले में फंदा लगाकर आत्महत्या की कोशिश की। उसका इलाज अलीगढ़ के मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। इंस्पेक्टर एवं विवेचक को निलंबित कर दिया गया है। मामले की विस्तृत जांच की जा रही है।