अयोध्या। राम मंदिर में वीआईपी प्रवेश के लिए आने वाले समय में दो और मार्गों का विकल्प उपलब्ध होगा। इसके लिए तीन रास्ते पहले ही तय हो चुके हैं। नई व्यवस्था के तहत हनुमानगढ़ी में दर्शन के बाद निकास मार्ग से सीधे जन्मभूमि तक पहुंचाने के लिए सुग्रीव पथ विकसित किया जा रहा है। इसके चौड़ीकरण के लिए दो और भवनों का अधिग्रहण किया जाना है। यहां पर पार्किंग की भी सुविधा मिलेगी। नव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद रोजाना देश भर से दो से ढाई लाख की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंच रहे हैं। इन सभी को सुगम दर्शन कराना मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की शीर्ष प्राथमिकता में शामिल है। सीएम की मंशा के तहत जिला प्रशासन इस दिशा में निरंतर कवायद कर रहा है। खुद कमिश्नर गौरव दयाल और डीएम नितीश कुमार इसके लिए प्रयासरत हैं। इसी कड़ी में एक दिन पहले सीएम की बैठक में आम दर्शनार्थियों की सहुलियत के लिए वीआईपी और वीवीआईपी के मंदिर में प्रवेश और निकासी के लिए तीन प्रवेश द्वार चिन्हित किए जा चुके हैं।प्रशासन ने अब इस प्रक्रिया को और विस्तार दिया है। इन तीन मार्गों के अलावा दो और रास्ते तय किए जा रहे हैं। इन सभी का उपयोग वीआईपी रामभक्तों के लिए किया जाएगा। इससे जन्मभूमि पथ पर सामान्य श्रद्धालुओं को बिना किसी व्यवधान के अनवरत दर्शन कराने की कार्ययोजना को प्रभावी करने में मदद मिलेगी। जो दो और रास्ते तय किए जा रहे हैं उनमें एक रामजन्मभूमि के उत्तरी गेट पर होगा। इधर से वीआईपी श्रद्धालु सीधे राम मंदिर के गूढ़ी मंडप तक पहुंच जाएंगे। इनका निकास भी इसी रास्ते से होगा। यहीं पर पुलिस कंट्रोल रूम के लिए प्रस्तावित स्थान पर फिलहाल वाहनों की पार्किंग कराई जाएगी। परिक्रमा मार्ग पर भी वाहनों की पार्किंग का विकल्प मौजूद रहेगा।इसी तरह निर्माणाधीन सुग्रीव पथ भी अति महत्वपूर्ण दर्शनार्थियों के आवागमन का बेहतर विकल्प होगा। 14 मीटर चौड़ा यह पथ हनुमानगढ़ी के निकास द्वार से सीधे जन्मभूमि पथ तक पहुंचा देगा। इस मार्ग से हनुमानगढ़ी और राम मंदिर के बीच सीधा संपर्क हो जाएगा। आमतौर पर जो भी श्रद्धालु अयोध्या आते हैं वे रामलला के साथ हनुमंतलला के भी दर्शन करते हैं। इस मार्ग पर दो भवन स्वामियों को अधिग्रहण की प्रक्रिया में शामिल करना है। इसके लिए डीएम नितीश कुमार ने एसडीएम को इनसे संवाद की जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने सोमवार को सीएम के अयोध्या से लौटने के बाद रात में सुग्रीव पथ का निरीक्षण भी किया।