अयोध्या से पैदल चलकर शिप्रा पाठक की राम जानकी वन गमन पद यात्रा पहुंची सिन्नर
नई दिल्ली। अयोध्या से रामेश्वरम तक राम जानकी वन गमन मार्ग पर निकलीं देश में वाटर वूमेन के नाम से विख्यात शिप्रा पाठक महाराष्ट्र की सीमा तय करते हुए सिन्नर पहुँच गयी है।शिप्रा ने 27 नवंबर को राम नगरी अयोध्या से अपनी पद यात्रा प्रारंभ की थी जो उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़,मध्य प्रदेश महाराष्ट्र की सीमा तय कर रही है। रामनाम का संकल्प लेकर चलीं शिप्रा पर्यावरण के साथ साथ आध्यात्मिक जागरण भी कर रहीं हैं।उनकी इस यात्रा में हजारों की संख्या में लोग उनका जगह जगह स्वागत सत्कार कर रहे हैं। अपनी पद यात्रा के क्रम में आज वाटर वूमन शिप्रा की पद यात्रा सिन्नर पहुंची जहां पूर्व विधायक राजा भाऊ के यहां सैकड़ों राम भक्तों ने उनका सत्कार किया इसके उपरांत भाजपा महिला मोर्चा द्वारा आयोजित हल्दी कुमकुम समारोह में नगर सेविका लता ताई ने शिप्रा पाठक का सत्कार किया यहां भाऊ साहब जिला सचिव के नेतृत्व में राम भक्तों ने पद यात्रा का स्वागत किया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिप्रा पाठक ने कहा कि अयोध्या से रामेश्वरम तक जाने वाली इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य राम नाम की शक्ति के संकल्प के अलावा माता जानकी के चरित्र को बेटियों को आत्मसात कराना है। इसके अलावा राम जानकी वन गमन पथ पर राम जानकी वन वाटिका भी लगाई जाएंगी।। उसके लिए उनकी संस्था पंचतत्व के माध्यम से लगातार यात्रा के दौरान योजना बनाई जा रही है।शिप्रा ने कहा लोग पूछते है दुनिया अयोध्या जा रही है आप एक महीने पहले ही अयोध्या से उल्टी दिशा में चल दी पर उन्होंने बताया राम को जानने के लिए प्रकृति के पंचतत्व को जानना होगा इसके लिए उन्होंने राज पथ की तुलना में वन पथ चुना। वन मार्ग पर पड़ने वाली गिलहरी, पहाड़, वन, नदी, जीव जंतु सभी में राम के पुरुषोत्तम कहलाए जाने की झलक आज भी मिलती है। शिप्रा रास्ते में पड़ने वाली मुख्य नदियों के जल से रामेश्वरम में जलाभिषेक भी करेंगी। आपको बताते चलें शिप्रा इससे पहले भी उत्तर प्रदेश की आदि गंगा गोमती नदी की 1001 किमी की पद यात्रा करने वाली भारत की पहली मातृ शक्ति है।इसके अलावा वह नर्मदा नदी, कैलाश मानसरोवर, सरयू, मंदाकिनी की भी यात्रा कर चुकीं हैं। शिप्रा की यह पद यात्रा उत्तर प्रदेश से चलकर मध्य प्रदेश,छत्तीसगढ़ आंध्र प्रदेश,महाराष्ट्र,केरल कर्नाटक होकर रामेश्वरम तमिलनाडु तक पहुंचेगी।शिप्रा ने अपनी पद यात्रा में राम के साथ जानकी लगाकर लोगों को जानकी के प्रति भी खासा आकर्षित किया है। उनका कहना है जानकी के चरित्र को युवा आधुनिक स्त्रियों को आत्मसात करना चाहिए। माता जानकी आज के महिला सशक्तिकरण की साक्षात प्रतिमूर्ति थी जिन्होंने बिना पिता के संरक्षण के लव कुश को अच्छे संस्कार दिए, लंका में रहकर रावण के आगे समर्पण नही किया, स्वाभिमान की खातिर भू समाधि लेकर समाज में अपना स्वाभिमान भी सिद्ध किया। शिप्रा की पद यात्रा से राम जानकी वन गमन मार्ग पर पड़ने वाले विभिन्न मठों के धर्माचार्य के अलावा कई सामाजिक सस्थाओं के साथ बड़ी संख्या में रामभक्त जुड़ रहे हैं। इसके अलावा देशभर के पत्रकार बंधुओं के साथ साथ सोशल मीडिया पर भी यात्रा पद यात्रा को पूरा सहयोग मिल रहा है।कार्यक्रम का संचालन युवा मोर्चा अध्यक्ष संकेत कुमार ने किया।पद यात्रा के साथ में मुख्य रूप से संजय चौहंके,हर्षित,गणेश,डॉक्टर असीर,दीपक फूले,शैलेश पाठक,श्रेय शर्मा,अंकित पाठक,आर्यन भाऊ,संकित कोठारी आदि उपस्थित रहे।