कार्यशाला के चौथे दिन टैंजेंट गैलवनोमीटर की प्रक्रिया विधि पर व्याख्यान संपन्न

बदायूँ। आवास विकास स्थित राजकीय महाविद्यालय में आईआईटी कानपुर के वर्चुअल लैब प्लेटफार्म के माध्यम से छह दिवसीय कार्यशाला के चौथे दिन वर्चुअल लैब में भौतिक विज्ञान के बीएससी तृतीय सेमेस्टर के छात्र-छात्राओं को टैंजेंट गलवानोमीटर के प्रयोग के लिए प्रशिक्षित किया गया। वर्चुअल लैब कार्यशाला में व्याख्यान देते हुए पीएसआईटी कानपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ अपर्णा दीक्षित ने कार्यशाला में पंजीकृत छात्र-छात्राओं को बहुमूल्य उपकरण “टैंजेंट गैलवानोमीटर” की क्रिया विधि के बारे में विस्तृत रूप से समझाया। डॉ अपर्णा दीक्षित ने व्याख्यान पूर्ण होने पर देश के विभिन्न राज्यों मिजोरम, मणिपुर, तमिलनाडु, उड़ीसा, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, असम, आंध्र प्रदेश, गोवा, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, झारखंड इत्यादि के प्रतिभागी छात्र-छात्राओं के सवालों का निराकरण किया। उन्होंने छात्र-छात्राओं को आईआईटी कानपुर के अमृतालैब की वेबसाइट के माध्यम से प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया।

कार्यशाला में विभिन्न राज्यों के भौतिकविद भी उपस्थित रहे। केएलडीएवी कॉलेज रुड़की की प्रोफेसर डॉ बंदिता श्रीवास्तव ने देशभर के प्रतिभागी छात्र-छात्राओं को कार्यशाला की उपयोगिता बताते हुए वर्चुअल लैब माध्यम से प्रयोग करने के लिए सुझाव दी।

महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि आईआईटी कानपुर के माध्यम से हमें देश भर के विभिन्न राज्यों के असंख्य शिक्षण संस्थानों के छात्र-छात्राओं को शिक्षा देने का अवसर प्रदान हुआ है।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ श्रद्धा गुप्ता पीएसआईटी कानपुर की भौतिकविद व्याख्याता डॉ अपर्णा दीक्षित का आभार प्रकट करते हुए कहा कि वह विभिन्न राज्यों की भाषाओं की बाध्यता संबंधी चुनौती को स्वीकार करते हुए हिंदीभाषी प्रतिभागियों को भी तकनीकी प्रयोग विधि बखूबी समझने में पारंगत है। बीएससी तृतीय सेमेस्टर के छात्र अली राजा ने कार्यशाला के आयोजन में तकनीकी सहयोग प्रदान किया। आईआईटी कानपुर के महाविद्यालय नोडल कोऑर्डिनेटर एवं कार्यशाला के संयोजक डॉ संजीव राठौर ने ऑनलाइन राष्ट्रीय वर्चुअल कार्यशाला का संचालन करते हुए अवगत कराया कि आगामी 10 व 11 जनवरी को बीएससी पंचम सेमेस्टर के लिए वर्चुअल लैब सत्र का आयोजन रहेगा।