डॉ. दीपंकर गुप्त रचित बाल रामायण पर हुआ विमर्श
बरेली। गीतकार डॉ दीपंकर गुप्त की बाल रामायण पर विमर्श कार्यक्रम में बाल रामायण को धर्म, संस्कृति और संस्कारों की त्रिवेणी बताया गया।अखिल भारतीय साहित्य परिषद के तत्वावधान में वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रांतीय संरक्षक डॉ एन. एल. शर्मा की अध्यक्षता में निरुपमा अग्रवाल के आवास पर हुए कार्यक्रम में प्रांतीय अध्यक्ष सुरेश बाबू मिश्रा ने कहा कि दीपंकर गुप्त द्वारा रचित बाल रामायण से हमारी नई पीढ़ी को भगवान राम के आदर्श चरित्र की जानकारी मिलेगी। इसमें विविध प्रसंगों के चित्र होने के कारण यह बच्चों में बहुत लोकप्रिय होगी।डॉ एन. एल. शर्मा ने डॉ. दीपंकर को इस कृति की रचना पर बधाई देते हुए कहा कि बाल रामायण की रचना कर डॉ. दीपंकर गुप्त ने बरेली का गौरव बढ़ाया है। इस अवसर पर डॉ दीपंकर गुप्त का सारस्वत अभिनंदन किया गया।

जिला अध्यक्ष डॉ एस.पी. मौर्य, जिला मंत्री बृज किशोर शर्मा ने उन्हें शाल ओढ़ाकर तथा स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर भगवान राम की महिमा के संबंध में आनंद गौतम, डॉ. एस. पी. मौर्या, विमलेश चंद्र दीक्षित, मोहन पांडे मनु, बृजेश कुमार शर्मा, उपमेंद्र सक्सेना एडवोकेट, डॉ अखिलेश कुमार गुप्ता, उमेश चंद्र गुप्ता, निर्भय सक्सेना, प्रवीन कुमार शर्मा, डॉ विनीता सिंह, रमेश रंजन, अनुराग उपाध्याय, डॉ देव कुमार देव, उमेश त्रिगुणायत अद्भुत ने उदगार व्यक्त किए एवं रितेश साहनी ने काव्य पाठ किया ।
