नई दिल्ली। एम्स के आईसीयू में भर्ती मरीजों के तीमारदारों को भी जल्द आराम करने के लिए बिस्तर उपलब्ध करवाया जाएगा। साथ ही प्रतीक्षा क्षेत्र में सुविधा बढ़ाई जाएगी। इसे लेकर एम्स निदेशक डॉ. एम श्रीनिवास ने आदेश जारी किया है। निदेशक के आदेश में कहा गया कि बीते दिनों निरीक्षण के दौरान पाया गया कि आईसीयू में भर्ती मरीजों के परिचारकों के लिए समर्पित प्रतीक्षा क्षेत्र हैं। लेकिन उक्त प्रतीक्षा क्षेत्र का उचित रखरखाव नहीं हो रहा। इन प्रतीक्षा क्षेत्रों में परिचारक रातभर रहते हैं। लेकिन यहां केवल कुर्सियां और बेंच हैं। जिस कारण परिचारक फर्श पर सोते हुए पाए जाते हैं। इसके अलावा पीने के पानी, पुरुष और महिला शौचालय सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की भी कमी है। इसे देखते हुए निर्णय लिया गया है कि एम्स के सभी आईसीयू से जुड़े प्रतीक्षा क्षेत्र में सुविधा बढ़ाई जाएगी। इन प्रतीक्षा क्षेत्र को वातानुकूलित बनाया जाएगा। बेसिक अटेंडेंट कुर्सी सह बिस्तर (गैर-इलेक्ट्रिक) (कम से कम एक प्रति आईसीयू बिस्तर) उपलब्ध करवाया जाएगा। साथ ही मरीजों और परिचारकों के सामान के लिए लॉकर, पीने के पानी की सुविधा, शॉवर क्षेत्र सहित पुरुष एवं महिला शौचालय, स्वस्थ नाश्ता और पैक पेय पदार्थ वितरण मशीन, पर्याप्त मोबाइल चार्जिंग प्वाइंट, बहु-आस्था प्रार्थना कक्ष/क्षेत्र, लोकल/एसटीडी कॉलिंग के साथ इंटरकॉम सुविधा, प्रवेश और निकास पर सीसीटीवी कैमरा और सुरक्षा गार्ड, उचित कीट एवं कृंतक नियंत्रण उपाय उपलब्ध करवाया जाएगा। अटेंडेंट कुर्सी सह बिस्तर को मरीज के आईसीयू बिस्तर के अनुसार क्रमांकित किया जाएगा। प्रतीक्षा क्षेत्रों तक पहुंच के लिए प्रति मरीज अधिकतम दो प्रवेश पास जारी किए जाएंगे। इस क्षेत्र को साइलेंट जोन घोषित किया जाएगा। मोबाइल सिग्नल न होने की स्थिति से बचने के लिए प्रवेश व निकास द्वार पर मौजूद गार्ड को इंटरकॉम पर कॉल प्राप्त करेगा। जरूरत के आधार पर आईसीयू में उनकी आवश्यकता अनुसार रोगी परिचारकों को सूचित करेगा। यदि आवश्यक हो तो उक्त इंटरकॉम सुविधा का उपयोग मरीज के परिचारक भी करेंगे।