मेरठ। हस्तिनापुर में भीमकुंड तिराहे पर शनिवार को एक दिवसीय धरने पर बैठे सपा कार्यकर्ताओं को पुलिस ने उठा दिया। इस दौरान उनकी पुलिस कर्मियों के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। इसके बाद सपा कार्यकर्ता तहसील समाधान दिवस में एसडीएम से मिले और ज्ञापन दिया। सपा नेता किशोर टांक और सरदार नरवेर सिंह के नेतृत्व में दर्जनों सपा कार्यकर्ता आज प्रस्तावित एक दिवसीय धरने के लिए चांदपुर रोड के भीमकुंड तिराहे पर पहुंचे, जहां उन्होंने धरना दिया। धरने के दौरान मांग की गई कि गंगा किनारे पर शीघ्र पक्के तटबंध का निर्माण, बाढ़ में नष्ट हुई फसल का उचित मुआवजा, चांदपुर-हस्तिनापुर को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग में पुलियों का निर्माण, बाढ़ के समय बिजली बिल माफ, भू-माफिया से किसानों की कृषि भूमि मुक्त कराई जाए और बाढ़ के समय क्षेत्र के विभिन्न संपर्क मार्गों का तत्काल निर्माण किया जाए। वहीं, धरने के दो घंटे बाद पुलिस मौके पर पहुंची और सपा कार्यकर्ताओं से धरने से उठने के लिए कहा। लेकिन सपा कार्यकर्ता धरने पर बैठे रहने की जिद पर अड़े रहे। इसके बाद सरदार नरवेर सिंह और थाना पुलिस के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। वहीं, सपा नेता किशोर टांक ने कहा कि उनका धरना पहले से ही प्रस्तावित था, जिसकी भनक भाजपा नेताओं को थी और उनके इशारे पर ही इस धरने को सफल नहीं होने दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि थाना पुलिस भाजपा नेताओं के इशारे पर काम कर रही है। इसके बाद सपा कार्यकर्ताओं ने एसडीएम मवाना से फोन कर संपर्क किया, लेकिन एसडीएम ने तहसील समाधान दिवस में होने की बात कहते हुए ज्ञापन देने के लिए कहा। इसके बाद सपा कार्यकर्ता और किसान-मजदूर ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर तहसील में पहुंचे। वहां उन्होंने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एसडीएम अखिलेश यादव को दिया। इस अवसर पर सरदार नरवेर सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार में किसानों की आवाज उठाना भी अपराध है। यह लोकतंत्र की हत्या है। सरकार अगर किसानों की मांगों को पूरा कर देती तो हमें धरना देने की जरूरत न करनी पड़ती। बाढ़ से किसानों की सैंकडों बीघा जमीन बर्बाद हो गई और सरकार ने कोई सहायता की है।