बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव गुधनी स्थित आर्य समाज मंदिर पर आचार्य संजीव रूप के निर्देशन में होली सामिग्री का निर्माण किया गया। जो 3100 परिवारों तक निःशुल्क पहुंचाई जाएगी। उनका कहना है कि होली अपने आप में यज्ञ महोत्सव है, लकड़ी और उपला व्यर्थ में जलाना एक बुराई है। पर्यावरण की शुद्धि के लिए कोरोना जैसे हानिकारक वायरस की निवृत्ति के लिए तथा रोगनाशक वैक्टीरिया के लिए नष्ट करने के लिए यह पर्व बहुत महत्वपूर्ण है। आचार्य ने बताया कि होली की इस विशेष सामग्री में इस गिलोय, गूगल, दाल चीनी, सोंठ, हल्दी, जटामांसी, हर, बहेड़ा, शंखपुष्पी, ब्राहमी, बादाम, आंवला, सफेद चंदन, काला चंदन, लाल चंदन, देवदारू, सुगंध कोकिला, नगरमोथा, तगर, शहद देसी घी, इलायची, सुपारी, कपास मूल, मेवा सभी अनाज, कपूर तथा जौ समेत 42 जड़ी बूटियां एवं औषधियां आदि को मिला कर तैयार किया गया है। इनको जलाने से घर में लंबे समय तक आरोग्यता रहेगी तथा बीमारियां घर में नहीं आएंगी। जो सभी लोग उत्तम सामग्री कपूर आदि होली पर जलाएं तो सारा प्रदूषण जहां दूर हो जाएगा वहीं बीमारियां भी दूर हो जाएंगी। कोरोना महामारी नष्ट हो जाएगी। यहां संस्कारशाला के बच्चे तथा आर्य वीर दल के बच्चे लगातार मेहनत करके पैकेट बना रहे हैं। जो बिल्सी, बिसौली, उझानी, दातागंज, बदायूं, वजीरगंज, इस्लामनगर आदि छोटे-बड़े नगर एवं गांव कस्बों में लेकर जाएंगे। होली के सामग्री में 100 से अधिक परिवारों ने भी अपने घरों से साकल्य में मिलाने के लिए उत्तम पदार्थ भेजें। इस मौके पर प्रज्ञा आर्य, प्रश्रय आर्य, गोपाल आर्य, विशेष आर्य, कृष्णपाल, राकेश आर्य, विनोद आर्य, बृजपाल आर्य, विवेक आर्य, भावना रानी आदि मौजूद रहे।