एक्सरसाइज करने से क्या बढ़ सक्ती हैं तकलीफें

क्रोनिक पेन होने का मतलब है कि आपके शरीर के किसी हिस्से में होने वाला ऐसा दर्द जो 3 महीने से ज्यादा समय तक रहता है। यह किसी बीमारी जैसे आर्थराइटिस के कारण भी हो सकता है या यह आपकी इनएक्टिव लाइफस्टाइल का नतीजा भी हो सकता है। क्रोनिक पेन अगर ज्यादा बढ़ जाए तो इसके कारण रोज के कामों में भी तकलीफ होनी शुरू हो सकती है। इसे मैनेज करने में एक्सरसाइज आपकी मदद कर सकती है। आइए जानते हैं क्रोनिक पेन में एक्सरसाइज किस तरह फायदेमंद हो सकती है। सूजन को कम करने में एक्सरसाइज मदद करती है। इससे आपकी बॉडी का ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है और आपकी मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं। ब्रिस्क वॉकिंग यानी आपकी नॉर्मल चाल से ज्यादा और दौड़ने से कम, तैराकी आदि को अपनी एक्सरसाइज रूटीन में शामिल कर सकते हैं। एंडोर्फिन को हैप्पी हार्मोन भी कहते हैं। यह दर्द के सिग्नल्स को दिमाग तक पहुंचने नहीं देता। एक्सरसाइज करने से एंडोर्फिन रिलीज होते हैं। जिससे आपका मूड भी अच्छा होता है और आपको ज्यादा दर्द भी महसूस नहीं होता।
शरीर का लचीलापन बढ़ता है
बहुत समय तक बैठे रहने से या कम ऐक्टिव लाइफस्टाइल होने से आपकी मांसपेशियों में अकड़न हो सकती है, जिसके कारण उस भाग में दर्द होना शुरू हो सकता है। एक्सरसाइज करने से आपके शरीर की अकड़न कम होती है। फ्लेक्सिबल जोड़ों में दर्द होने की संभावना भी कम होती है। योगा इसके लिए एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है।
वजन कम होता है
ज्यादा वजन होने से आपके जोड़ों पर अधिक जोर पड़ता है। इसके कारण उनमें दर्द होने की संभावना भी बढ़ जाती है। वजन कम करने के लिए एक्सरसाइज सबसे बेस्ट तरीका है। इससे आपके शरीर की एक्सट्रा कैलोरी बर्न होती है और आपका हेल्दी वजन मेंटेन रहता है।
मांसपेशियां मजबूत होती हैं
एक्सरसाइज करने से आपकी मांसपेशियां मजबूत होती हैं। जब मांसपेशियां मजबूत होती हैं तो वे आपके जोड़ों को सपोर्ट देती हैं और दर्द कम हो सकता है।
किन बातों का रखें ध्यान
- क्रोनिक पेन में अचानक से बहुत हेवी एक्सरसाइज से क्रोनिक पेन की तकलीफ और बढ़ सकती है। इसलिए हल्की एक्सरसाइज करें। इससे आपके शरीर को एक्सरसाइज करने की आदत होगी और एक बार में ज्यादा जोर भी नहीं पड़ेगा।
- एक साथ ज्यादा देर तक एक्सरसाइज न करें और बीच-बीच में ब्रेक लें।
- अगर किसी एक्सरसाइज को करने में तकलीफ हो या दर्द हो, तो उसे न करें और अपने ट्रेनर से बात करें।
- अपने डॉक्टर के साथ बात करें कि आप कौन-कौन सी एक्सरसाइज कर सकते हैं और आपको क्या नहीं करना चाहिए।