पुलिस और ऑटो लिफ्टर गैंग में मुठभेड़, गोली और नुकीली धातु से एक बदमाश और तीन पुलिसकर्मी घायल
बदायूँ। उझानी कोतवाली इलाके में शनिवार दोपहर हुई मुठभेड़ में एक बदमाश को पैर में गोली लग गई। घायल बदमाश को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने मुठभेड़ के दौरान तीन सिपाहियों को सूजा घोंपकर घायल कर दिया था। बदायूं के उझानी थाना क्षेत्र में कादरचौक-कछला रोड के पास कटरी में पुलिस और बाइक चोर गिरोह के बीच मुठभेड़ हो गई। पुलिस ने दो बदमाशों को दबोच लिया, लेकिन तीसरे ने जेब से सूजा निकाल कर हमला कर दिया। सूजा के प्रहार से तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए।
इसके बाद फायरिंग में एक बदमाश को पैर में गोली लग गई। मुठभेड़ शनिवार दोपहर करीब एक बजे हुई। पुलिस के मुताबिक बाइक चोर गिरोह की जानकारी होने पर कछला चौकी इंचार्ज दिनेश तिवारी समेत चार पुलिस कर्मियों ने कादरचौक रोड पर घेराबंदी की तो बाइक सवार बदमाश भागने लगे। पुलिस ने पीछा कर दो बदमाशों को दबोच लिया। तीसरे बदमाश ने जेब से सूजा निकाल कर पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया। इसमें सिपाही ओमकार सिंह, आकाश और सत्येंद्र कुमार मामूली रूप से घायल हो गए। उसी दौरान बदमाशों की ओर से फायरिंग की गई। बताते हैं कि जवाबी फायरिंग में गोली लगने से सूजा से हमला करने वाला बदमाश एटा जिले में सहावर थाना क्षेत्र के गांव बडारी कलां निवासी 36 वर्षीय गौरव सिंह घायल हो गया। उसके पिता विजय सिंह होमगार्ड मे पीसी हैं।
घायल बदमाश गौरव और सिपाही ओमकार, आकाश और सत्येंद्र को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर लाकर प्राथमिक उपचार कराया गया। बदमाश गौरव का कासगंज जिले में आपराधिक रिकार्ड भी बताया गया है। उसके खिलाफ हत्या के अलावा चोरी के आधा दर्जन मामले दर्ज हैं। मुठभेड़ के दौरान पकड़े गौरव और जगवीर के अलावा एक और बदमाश है। पुलिस मुठभेड़ में गोली लगने से घायल एटा जिले के निवासी बदमाश गौरव सिंह और उसके साथियों की गिरफ्तारी के मामले में छह घंटे तक क्राइम सीन पर सस्पेंस कायम रहा। पुलिसकर्मी हकीकत बयां करने की बजाय एक-दूसरे से बात कर लेने की कहकर मामले को टालते नजर आए। आखिर में यही कहा गया कि कुछ देर इंतजार कर लीजिए। बदमाशों और पुलिस के बीच मुठभेड़ दोपहर करीब एक बजे हुई। मुठभेड़ के बाद घायल बदमाश गौरव को लेकर जो सिपाही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचे, उन्होंने पहले तो चुप्पी साध ली। काफी देर बाद कछला चौकी इंचार्ज दिनेश तिवारी आए और घायल बदमाश से घटनाक्रम पूछने लग गए। प्राथमिक उपचार के बाद पुलिस गौरव और घायल सिपाहियों में ओमकार को लेकर राजकीय मेडिकल कॉलेज निकल गई। इसके बाद चौकी इंचार्ज से लेकर जिससे भी घटनाक्रम और गिरफ्तार बदमाशों के बारे में पूछा गया, वह कुछ भी नहीं बता पाए। दरअसल, मुठभेड़ योजनाबद्ध तरीके से नहीं हुई थी।
वह तो गनीमत रही उन पुलिस कर्मियों के कोई खास चोट नहीं आई। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर इलाज के लिए लाए गए घायल बदमाश गौरव सिंह ने पुलिस मुठभेड़ पर सवाल खड़े कर दिए। वह मरहम-पट्टी के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों से भी झल्लाता रहा। जब उसे पत्रकारों के बारे में पता लगा तो अपने पिता का नंबर बताकर फोन कराने पर जोर दिया। कहने लगा कि फोन करके पिता विजय को बता देना कि तुम्हारे बेटे को पुलिस ने पकड़ कर पैर में गोली मार दी है। उसने साथी बदमाश जगवीर की भूमिका पर भी सवाल उठाया। इलाज के दौरान ही पहले पानी मांगा, फिर चाय मंगा देने को कहा। अनसुना किए जाने पर वह एक दरोगा से भी उलझ गया।