गुमनाम शहिदों को सामने लाना वर्तमान पीढ़ी का दायित्व

शाहजहांपुर, एस एस कॉलेज के इतिहास विभाग द्वारा, स्वातंत्र्य समर के विस्मृत आयाम और व्यक्तित्व , विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार शुभारम्भ हुआ। महाविद्यालय के उपप्राचार्य प्रो अनुराग अग्रवाल ने स्वागत भाषण में कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम वीरों के व्यक्तित्व और कृतित्व की खोज करने तथा उसे सामने लाने की आवश्यकता है ताकि इतिहास को सत्यता के आधार पर पुनर्लिखित किया जा सके । इस विषय पर विचार मंथन हेतु उपस्थित विद्वानों का प्रयास स्वागत योग्य एवं देश के लिए उपयोगी है। इतिहास विभाग के अध्यक्ष डॉ विकास खुराना ने विषय स्थापना करते हुए कहा कि विस्मृत स्वतन्त्रता सेनानियों को स्मृति में लाना वर्तमान पीढ़ी का दायित्व है ताकि भावी पीढ़ी अपने अतीत पर गर्व कर सके। बरेली कॉलेज बरेली से पधारे प्रो ए के त्रिपाठी ने अपने व्यक्तव्य में कहा, ” भारत के स्वातंत्र्य समर में स्वाधीनता संग्राम सेनानियों द्वारा दी गयी आहुतियां मात्र एक ही आयाम से नही देखी जानी चाहिए, सम्यक दृष्टि वह है जो बहुआयामी है और जिसमे समग्र चिंतन के लिए सदैव स्थान बना रहता है।” मुख्य वक्ता जे एन यू की ग्रीक चेयर उसे पधारे प्रो अनिल कुमार सिंह ने अपने उद्बोधन में कहा, “भारतीय इतिहास में अभी खोज की अपार संभावनाएं हैं चाहे प्राचीन भारत हो मध्यकालीन या आधुनिक भारत सभी में खोज के पर्याप्त अवसर और स्थान है। इतिहास के एक अध्यता को सदैव इन्हीं विस्मृति आयाम के अन्वेषण में प्रयासरत रहना होगा।” इस अवसर पर सेमिनार की शोध संक्षेपिका का विमोचन भी हुआ। सेमिनार के मध्यान्ह सत्र में एक ऑनलाइन एवं दो ऑफलाइन तकनीकी सत्रों का आयोजन भी किया गया जिसमें ऑनलाइन सत्र में 32 प्रतिभागियों ने एवं ऑफलाइन सत्रों में 38 प्रतिभागियों ने शोध पत्रों का वाचन किया। ऑनलाइन तकनीकी सत्र की अध्यक्षता डॉअभिनव मिश्रा द्वारा की गई एवं संचालन समाजशास्त्र विभाग के अस्सिस्टेंट प्रोफेसर मृदुल पटेल एवं अवनीश चौहान द्वारा किया गया जबकि ऑफलाइन तकनीकी सत्रों की अध्यक्षता डॉ सीमा गौतम एवम डॉ गिरजेश त्रिपाठी द्वारा की गई एवम संचालन हिंदी विभाग सह आचार्य डॉ श्रीकांत मिश्रा और अंग्रेजी विभाग के डा शालीन सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डा आर के आज़ाद ने कहा कि इस प्रकार की गोष्ठियों का आयोजन निरंतर किया जाना चाहिए ताकि गुमनाम शहीदों को इतिहास के पन्नों में दर्ज करके उनके प्रति सम्मान व्यक्त किया जा सके। डा प्रशांत अग्रिहोत्री के संचालन में हुए उद्घाटन समारोह के अंत में कार्यक्रम संयोजक प्रो आदित्य कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया । संगीत विभाग की अध्यक्ष डॉ कविता भटनागर एवं छात्राओं द्वारा राष्ट्रीय गीत की प्रस्तुति के उपरांत कार्यक्रम के समापन की घोषणा हुई। कार्यक्रम में लखनऊ विश्वविद्यालय से डा बृजेश, बरेली कॉलेज से डा एम पी सिंह के अतिरिक्त कासगंज, बदायूं, जलालाबाद आदि स्थानों से अनेक शिक्षाविद तथा बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित थे। कार्यक्रम में विभाग के डॉ धर्मवीर सिंह, डॉ पद्मजा मिश्रा, डॉ सीमा गौतम, धीरज कुमार रस्तोगी, डॉ मनोज मिश्रा, डॉ विकास पांडेय, डॉ गिरजेश त्रिपाठी, डॉ प्रतिभा सक्सेना नीलू कुमार डॉ विजय तिवारी डॉ रमेश चंद्र, डॉ शैलजा मिश्रा अखिलेश तिवारी रेनू बहुखंडी, अभिषेक बाजपेई, पवन गंगवार, अवनीश चौहान, मृदुल पटेल डॉ राजीव कुमार डॉ संदीप कुमार, डॉ सुजीत कुमार वर्मा, व्याख्या सक्सेना, डॉ शालीन कुमार सिंह, सहित बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।