बेहटा गुसाई में रामकथा का पांचवां दिन बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव बेहटा गुसाई में चल रही रामकथा में बीती रविवार की रात राम वनवास, भरत मिलाप और राम- केवट संवाद की कथा का प्रसंग सुनाया गया। मैनपुरी से पधारीं अनुराधा मिश्रा ने कहा कि भरत जैसा भाई इस युग में मिलना मुश्किल है। राम-केवट संवाद का प्रसंग सुनकर भक्त भाव-विभोर हो गए। रामकथा में कथावाचक ने कहा कि भगवान राम मर्यादा स्थापित करने को मानव शरीर में अवतरित हुए। पिता की आज्ञा पर वह वन चले गए। भगवान राम वन जाने के लिए गंगा घाट पर खड़े होकर केवट से नाव लाने को कहते हैं, लेकिन केवट मना कर देता है और पहले पैर पखारने की बात कहता है। केवट भगवान का पैर धुले बगैर नाव में बैठाने को तैयार नहीं होता है। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आदर्श समाज में आज भी कायम है। भगवान प्रेम भाव देने वाले का हमेशा कल्याण करते हैं। कहा कि भरत ने भगवान राम के वनवास जाने के बाद खड़ाऊं को सिर पर रखकर राजभोग की बजाय तपस्या की। कहा कि जीवन में भक्ति और उपासना का अलग महत्व है। निष्काम भाव से भक्ति करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कथा में भक्तों की भारी भीड़ जुटी रही। इससे पहले कथावाचक विष्णु पांडेय ने भागवत कथा के कई प्रसंगों को सुनाया। इस मौके पर प्रहलाद पुरी, प्रमोद गुप्ता, रामअवतार गुप्ता, सुमित गुप्ता, अखिलेश गुप्ता, राजेश कुमार, महेश वर्मा, मुकेश गुप्ता, नवीन वार्ष्णेय, मुन्नी देवी, मीरा वर्मा, तनु वार्ष्णेय, राधा देवी, राधाकृष्ण गुप्ता, अनंत गोपाल गुप्ता उर्फ बबलू, नरेश आर्य, ईशु मिश्रा, शिवशंकर शाक्य आदि मौजूद रहे।