नई दिल्ली। देश विभिन्न क्षेत्रों से रोजगार की तलाश में शहरों में आए प्रवासियों के सामने कई चुनौतियों होती हैं, इन चुनौतियों का अंदाजा आप इस बात से ही लगा लीजिए कि एक गरीब परिवार जिसका बेटा दिल्ली शहर में कमाने आया था, जिसने अचानक बीमार होने की वजह से दम तोड़ दिया और फिर उसके परिवार के पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वह परिवार अपने मृतक बेटे का शव उत्तर प्रदेश के अपने गृह जनपद मऊ ले जा सके, सर्वशक्तिमान ईश्वर से प्रार्थना है कि ऐसी चुनौती किसी भी परिवार के सामने भी उत्पन्न ना करें। दिल्ली में घटित इस तरह की एक दुखद घटना के बाद मृतक के परिवार की इस मजबूरी की सूचना मिलते ही सामाजिक कार्यकर्ता समय की परवाह किए बिना ही, रात में खुद दीन दयाल अस्पताल पहुंचे और अस्पताल से ही मृतक मजदूर हरेन्दर चौहान का शव अपने खर्चे से उसके गांव डंडी पोस्ट भोपौरा ताश घोसी, जिला मऊ पहुंचवाने का बंदोबस्त करवाया। इस दौरान समाजसेवी संत देव चौहान के साथ रामनयन चौहान, करन चौहान, सुरेंद्र चौहान, फागू चौहान, जनार्दन चौहान, सुबास चौहान, विनोद चौहान, संतोष चौहान, राहुल चौहान, रविंद्र चौहान, मुन्ना चौहान, प्रवेश चौहान, धर्मेंद्र चौहान, अनिल चौहान, अजय चौहान, राजकुमार, पृथुम चौहान, दिलीप चौहान, मन्सा चौहान आदि समेत कई अन्य लोग मौजूद रहे। आपको यहां बता दें कि गरीब और जरूरतमंद प्रवासियों की लिए समाजसेवी संतदेव चौहान हमेशा खड़े नजर आए हैं। ऐसा पहली बार नहीं है जब संतदेव ने मजबूर प्रवासियों की मदद की है। बुरे वक्त में रोजगार की तलाश में दिल्ली आए जरूरतमंदों की मदद संतदेव चौहान हमेशा से करते आए हैं। सिर्फ दिल्ली ही नहीं बल्कि देश के अलग-अलग शहरों में मौजूद प्रवासियों की मदद भी संतदेव चौहान निस्वार्थ भाव से निरंतर करते रहते हैं।