मुमुक्षु शिक्षा संकुल में बही काव्य सरिता,कवियों ने एक से बढ़ कर एक शानदार कविता पेश की
शाहजहापुर। मुमुक्षु शिक्षा संकुल में काव्य संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ संकुल के मुख्य अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद एवं अतिथियों के द्वारा दीप प्रज्वलन, पुष्पांजलि एवं सरस्वती वंदना से हुआ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में विशेष सचिव, उच्च शिक्षा, डॉ अखिलेश मिश्र उपस्थित रहे। सम्पूर्ण काव्य संध्या के दौरान उन्होंने अपने कुशल व प्रभावपूर्ण संचालन से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
एटा से पधारे वरिष्ठ कवि डॉ ध्रुवेंद्र भदौरिया ने जीवन जीने के ढंग को काव्य का रूप देते हुए कहा..
“अमर जीवन चाहिए तो जहर पीना सीखिए!
यह कला किसी संत से पूरा महीना सीखिए!
भविष्य एवं भूत का भय शोक सारा छोड़कर,
आज जो पल सामने है, उसको जीना सीखिए!”
बुलंदशहर से पधारे कवि डॉ आलोक बेजान ने कहा-
“जो असली तीर हैँ वो ही कमानों से निकलते हैँ !
परिंदों के सभी शजरे उड़ानों से निकलते हैँ !!
हमें यूँ कांच की मानिंद ना देखो हिक़ारत से,
कि हम पैदाइशी हीरे खदानों से निकलते हैँ “
लखनऊ के सेंट जोसेफ कॉलेज के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष पंडित रवीश पांडेय ने माहौल को हास्य की ओर मोड़ते हुए सुनाया-
“बिस्तर पर जाने से पहले शमां बुझाना याद रहा,
रिश्तेदारी, प्यार, दोस्ती मुझे निभाना याद रहा।
यह प्रमाण है पत्नी पूजक पति होने का दुनिया में,
मध्यरात्रि में घरवाली के पाँव दबाना याद रहा”
लखनऊ से पधारी कवयित्री डॉ सरला शर्मा ने श्रोताओं को देशप्रेम का रसास्वादन कराते हुए कहा-
“हमारे वास्ते सुखचैन जो अपना गंवाते हैं
कि खुद रातों को आंखों में बसा हमको सुलाते हैं
करो नित वंदना उनकी कि गांओ गीत उनके ही
बुझाकर प्राणों की लौ राष्ट्र दीपक जो जलाते हैं”
लखनऊ की कवयित्री शशि श्रेया ने कहा-
मिला है आप सब से जो हमें वो प्यार ज्यादा हैl
इसी से पथ सुगम है पांव की रफ्तार ज्यादा हैl
शहर में आपके मेहमान हूँ मैं चंद लम्हों की,
सो मेरा आपके स्नेह पर अधिकार ज्यादा है”
शाहजहांपुर के वरिष्ठ कवि डॉ इंदु अजनबी ने कहा-
अपनी आंखों पे पड़े पर्दे हटाकर देखो।
मुझमें भी अक्स कोई अपना छुपाकर देखो।
तुम्हें बेजान यह शीशा सुकून क्या देगा,
मेरी आँखें भी आईना हैं, समाकर देखो।।
शाहजहांपुर की कवयित्री डॉ सरिता बाजपेयी ने गीत प्रस्तुत करते हुए कहा-
लहू में शौर्य शोणित ज़िन्दगी अभिमान करती है।
यह अशफ़ाक ,रोशन, पंडित बिस्मिल की धरती है।
डॉ सुरेश मिश्र ने भी अपनी रचना प्रस्तुत की। एस एस कॉलेज के सचिव डॉ अवनीश मिश्र एवं शंकर मुमुक्षु विद्यापीठ के सचिव अशोक अग्रवाल ने मुख्य अतिथि महोदय को अंगवस्त्र एवं स्मृतिचिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। एस एस कॉलेज के प्राचार्य डॉ आर के आजाद, उपप्राचार्य डॉ अनुराग अग्रवाल, विधि महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जयशंकर ओझा, स्वामी धर्मानंद सरस्वती इंटर कॉलेज के प्राचार्य डॉ अमीर सिंह यादव एवं शंकर मुमुक्षु विद्यापीठ की प्राचार्या डॉ मेघना मेहंदीरत्ता के द्वारा अन्य कवियों एवं कवयित्रियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का आरंभिक संचालन डॉ शिशिर शुक्ला ने किया। धन्यवाद ज्ञापन महाविद्यालय के सचिव डॉ अवनीश मिश्र ने किया। कार्यक्रम में शाहजहांपुर के जिलाधिकारी उमेश प्रताप सिंह, मुख्य विकास अधिकारी एस बी सिंह, अपर जिलाधिकारी संजय पांडेय, सिटी मजिस्ट्रेट वेद प्रकाश मिश्र, नगर आयुक्त संतोष शर्मा, जिला विद्यालय निरीक्षक हरवंश कुमार, रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलसचिव अजय कृष्ण यादव, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डॉ संध्या रानी सहित शिक्षक, शिक्षिकाएं एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे।