बड़नौमी में भागवत कथा का हुआ समापन बिल्सी। तहसील क्षेत्र के गांव बड़नौमी में शिव मंदिर पर चल रही श्रीमदभागवत कथा के अंतिम दिन गोवर्धन से पधारे कथावाचक जितेंद्रदास विश्वामित्र ने भक्तों को शुकदेव महाराज द्वारा राजा परीक्षित को सुनाई गई। श्रीमद् भागवत कथा को पूर्णता प्रदान करते हुए कथा में विभिन्न प्रसंगों श्रीकृष्ण का स्वधाम गमन एवं अंत में राजा परीक्षित के मोक्ष प्राप्ति का वर्णन किया। भगवान जब अपनी लीला समाप्त करके अपने गोलोक धाम गए तभी से कलियुग का वास पृथ्वी पर हो गया। तक्षक नाग ने गंगा किनारे बैठे राजा परीक्षित को आकर डसा तो उनका शरीर जलकर भस्म हो गया। उन्होंने सात दिन श्रीमद् भागवत कथा सुनकर मोक्ष को प्राप्त किया। उन्होने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है। इसके श्रवण करने से व्यक्ति का सोया हुआ भाग्य जाग जाता है। यहां अंतिम दिन यज्ञ हवन कर प्रसाद का वितरण किया गया। इसको सफल बनाने में बबलू उपाध्याय, भूरे सिंह, अनिल सिंह, टीपू सिंह, विनोद गुप्ता, देशपाल सिंह, चंद्रपाल सिंह, मनोज सिंह, अवधेश सिंह, अरविंद कुमार, लक्ष्मण सिंह, सत्यवीर सिंह, दुलार सिंह, हरिशपाल सिंह, दुर्गपाल सिंह, राकेश सिंह, नौनी सिंह, रामकिशोर शर्मा, हरिओम शर्मा, राजेन्द्र प्रजापति, सूरजपाल प्रजापति, जगदीश प्रजापति आदि मौजूद रहे।