अलर्ट पर शामली पुलिस, वकीलों के लिए लागू हुआ ये नियम
शामली। लखनऊ कोर्ट में संजीव जीवा की हत्या के बाद शामली पुलिस अलर्ट हो गई। जनपद न्यायालय परिसर में पहुंचने वाले वादकारियों की तलाशी लेने एवं अधिवक्ताओं के परिचय पत्र देखने के बाद ही अंदर जाने की अनुमति दी जा रही है। सीओ ने डॉग स्क्वायड के साथ पहुंचकर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।
कुख्यात गैंगस्टर रहे संजीव जीवा की बुधवार को लखनऊ स्थित कोर्ट परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। संजीव जीवा का हत्यारा अधिवक्ता की ड्रेस में आया था। कोर्ट परिसर के अंदर गैंगस्टर की हत्या के बाद कैराना स्थित जनपद न्यायालय परिसर व कचहरी में पुलिस अलर्ट मोड पर आ गई। बृहस्पतिवार सुबह कचहरी खुलते ही मुख्य गेट व तहसील की ओर पिछले गेट पर पुलिसकर्मियों ने आने वाले वादकारियों की सघन तलाशी ली। सभी को मेटल डिटेक्टर मशीन से होकर अंदर जाने दिया गया। इसके अलावा कचहरी में पहुंचने वाले अधिवक्ताओं के परिचय पत्र देखने के बाद ही एंट्री दी गई। बार एसोसिएशन के सदस्य नीरज चौहान एडवोकेट ने कहा कि कचहरी में सुरक्षा के मानक पहले से ही कठोर हैं। मेन गेट से बायोमेट्रिक जांच के बाद अधिवक्ताओं को अंदर आने की अनुमति है। किसी को भी हथियार अंदर लाने की अनुमति नहीं हैं।
वहीं, दोपहर के समय सीओ अमरदीप मौर्य ने डॉग स्क्वायड की टीम के साथ पहुंचकर कचहरी में सघन चेकिंग अभियान चलवाया। इस दौरान सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया गया। सीओ ने बार के पदाधिकारियों से मिलकर सुरक्षा व्यवस्था बनाने पर चर्चा की। जनपद न्यायाधीश ग्रीश कुमार वैश्य के निर्देश पर बार एसोसिएशन कैराना की ओर से नोटिस बोर्ड पर लिखा गया कि सभी अधिवक्ता एवं लिपिक अपने परिचय पत्र अपने पास रखें। सुरक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने में पुलिस का पूर्ण सहयोग करें। इसके अलावा परिचय पत्र की मांग किए जाने पर बिना तर्क वितर्क के पुलिस को परिचय पत्र दिखाया जाए।
पिछले दिनों जनपद न्यायाधीश के आदेश पर न्यायालयों के आसपास व कचहरी परिसर में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए थे। इस दौरान कचहरी के दोनों गेट के अलावा न्यायालय परिसरों एवं वाहन पार्किंग के आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। बताया गया कि कचहरी में कुल 20 सीसीटीवी कैमरे हैं, जो पूरी तरह से चालू हैं।




















































































