सद्भावना मंच और महिला विभाग जमात इस्लामी हिंद ने मनाया महिला दिवस
बदायूं। सद्भावना मंच और महिला विभाग जमात इस्लामी हिंद बदायूं की ओर से महिला दिवस के उपलक्ष पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय समाज में आत्महत्या का बढ़ता रूझान कारण और निवारण रहा। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि जैस्मिन सहायक आयुक्त उद्योग रही। कार्यक्रम का शुभारंभ कुरान के पवित्र पाठ से हम्माद इम्तियाज ने किया।
इसके बाद कार्यक्रम में मौजूद जमात इस्लामी हिंद की प्रदेश संयोजक डॉक्टर संजीदा आलम ने कार्यक्रम का उद्देश्य बताते हुए कहा कि समाज में हो रहे आत्महत्याओं को रोकना है उन्होंने अभी हाल फिलहाल में बड़ोदरा में साबरमती नदी में कूदकर एक लड़की आयशा ने खुदखुशी की उसका जिक्र करते हुए बताया कि किस तरह उसके ससुराल के लोगों ने उस को परेशान किया और उसने तनाव में आकर आत्महत्या कर ली उन्होंने बताया कि इंसान समस्याओं और तनाव को बर्दाश्त नहीं कर पाता है वह आत्महत्या कर लेता है उन्होंने कहा कि आत्महत्या करना हर समस्या का हल नहीं है और आत्महत्या करना हर धर्म में बहुत बड़ा पाप बताया गया है उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को भी सजा मिलनी चाहिए जो इस तरह के हैं कार्य करने पर लोगों को मजबूर करते हैं
इसके बाद कार्यक्रम में मौजूद डॉ उमा सिंह गौड़ प्रवक्ता गिदो देवी महाविद्यालय ने कहा कि आत्महत्या करना बहुत बड़ा पाप है जो लोग आत्महत्या करते हैं उनकी आत्मा वातावरण में घूमते रहती हैं जिनको कभी मोक्ष नहीं मिलता उन्होंने महिलाओं के अधिकार पर भी बात की और कहा कि कुछ दहेज लोभी लड़कियों को इतना परेशान करते हैं कि लड़कियां आत्महत्या करने पर मजबूर हो जाती है ऐसे पापियों को सजा मिलनी चाहिए और हमें सबको दहेज लेना और देना दोनों बंद कर देना चाहिए।
इसके बाद कार्यक्रम में मौजूद एडवोकेट अनवर आलम ने कहा कि भावुक औऱ सीधाकृसादा इंसान छल-कपट और झूठ-पाखण्ड से भरी इस दुनिया में अपने आपको एडजस्ट नहीं कर पाता। दूसरों की बातें उसे अंदर तक चोट पहुंचा देती हैं और वह सोचने लगता है कि नफरत भरी इस दुनिया से चले जाना ही बेहतर है। परंतु आत्महत्या करना बहुत बड़ा पाप है हमें समस्याओं का मुकाबला करना चाहिए कोई भी समस्या इंसान से ज्यादा मजबूत नहीं है।
इसके बाद कार्यक्रम में मौजूद प्रोफेसर बीआर सिंह ए पी एस इंटरनेशनल स्कूल ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समाज में दहेज जैसी कुप्रथाओं को रोकने के लिए और आत्महत्याओं को रोकने के लिए हमें अपने अपने धर्मग्रंथों की ओर लौटना होगा इंसान अगर सही से अपने धर्म पर पालन करें तो इस तरह की कुर्तियां समाज से खत्म हो जायेंगें ।
इसके बाद कार्यक्रम में मौजूद श्री नितिन महेश्वरी ने अपने विचार व्यक्त किए और कहा की हमें महिलाओं के अधिकार देने पर जोर देना चाहिए ।
आखिर में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती जैसमीन जी ने कहा कि सद्भावना मंच और महिला विभाग जमात इस्लामी हिंद के द्वारा किए गए महिला दिवस के उपलक्ष में इस कार्यक्रम की में बहुत प्रशंसा करती हूं और इस तरह के कार्यक्रम होते रहना चाहिए जिससे समाज में जागरूकता हो और महिलाओं के अधिकार व इस तरह की आत्महत्या जैसी कुप्रथाओं को खत्म करने पर लोग जोर दें और उन्होंने कहा कि हमें अपनी बच्चियों को और बेटों को बचपन से ही बताना चाहिए दहेज लेना पाप है और हमें उन को अच्छे संस्कार देना चाहिए ।
कार्यक्रम का संचालन श्रीमती असमा इम्तियाज ने और उन्होंने कहा कि इस्लाम ने लड़कियों को विरासत में हिस्सा दिया है उस पर भी हमें गौर करना चाहिए और दहेज की जगह लड़कियों को उनका विरासत में हिस्सा देना चाहिए और उन्होंने कहा कि इस्लाम ने जो महिलाओं को सम्मान दिया है उस पर अब हम सबको को ध्यान देना चाहिए
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉक्टर इतिहाद आलम, डॉ नुसरत हुसैन, श्रीमती नसरीन नुसरत कुमारी शीवा खान, रवि गुप्ता, श्रीमती सुमंगला महेश्वरी, सरफराज अब्बासी, इब्ने हयात, रियाज़ अहमद आदि लोग मौजूद रहे