नई दिल्ली। 2000 रुपए के नोट को लेकर जब से आरबीआई की नयी गाइड लाइन आयी हैं, तब से धरातल पर दुकानदारों और पेट्रोल पंप व्यापारियों की समस्याओं की आ रही सीटीआई के पास शिकायते।बाजारों में और पेट्रोल पंपों पर 2000 रुपये के नोटों के लेन-देन में व्यापारियों और ग्राहकों के बीच नानुकुर और कहासुनी तक हो रही है।कई बार 100-200 रुपये का माल खरीदने या पेट्रोल डीजल भरवाने के लिए भी ग्राहक 2000 रुपये का नोट पकड़ा रहे हैं, इससे व्यापारी खासे चिंतित हैं।इस मुद्दे पर चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) को पत्र लिखा है।इसमें मार्केट में हो रही व्यवहारिक दिक्कतों को साझा किया है। साथ ही आग्रह किया है कि RBI कोई न कोई गाइडलाइन निकाले, ताकि मार्केट में टेंशन का माहौल कम हो सके।CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि नियम ऐसे होने चाहिए, जिससे परेशानी नहीं हो , यदि 500 रुपये से ऊपर की खरीदारी कोई करता है, तो उससे 2000 रुपये का नोट ले सकते हैं। मगर, कोई 500 रुपये से कम का सामान परचेज करता है, तो उसकी मंशा पर सवाल उठते हैं। क्योंकि, मार्केट में 100, 200 और 500 के नोट चलन में है। दिल्ली के होलसेल बाजार, पेट्रोल पंप, ढाबे, होटल, शोरूम, होटल और किराने की दुकान पर समस्या अधिक दिख रही है और व्यापारियों की शिकायतें आ रही है कि ग्राहक 50 – 100 रूपए की खरीददारी के लिए भी 2000 का नोट दे रहे हैं इससे दुकानदारों के सामने खुल्ले पैसे का संकट खड़ा हो रहा है। सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि साउथ एक्स में एक वाहन चालक ने 100 रूपये का पेट्रोल भरवाने के लिए पेट्रोल पंप पर 2000 का नोट देना चाहा। मगर, पंप पर खुले पैसों कमी थी। पंप के कर्मचारी ने 2000 का नोट लेने में असमर्थता जताई, तो वाहन चालक ने पुलिस को बुला लिया। अब ऐसी स्थिति में व्यापारी, दुकानदार और डीलर क्या करे? बृजेश ने कहा कि बैंकों में 30 सितंबर तक 2000 रुपये का नोट जमा हो रहा है। 10 नोट बदले भी जा रहे हैं। लोगों को बाजार में नोट खपाने की जगह बैंक में जमा करने चाहिए। फिर बैंक या एटीएम से खुले पैसे निकाले जा सकते हैं। खरीददार भुगतान के दूसरे माध्यम जैसे यूपीआई, चेक, डेबिट-क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं।